आख़िर तक – इन शॉर्ट्स
- भारतीय मूल के सांसद चंद्र आर्य ने कनाडा में खालिस्तानी उग्रवाद से हिंदू-कनाडाई लोगों की सुरक्षा पर चिंता जताई।
- उन्होंने खालिस्तानी उग्रवाद के खतरे से निपटने के लिए ट्रूडो सरकार से ठोस कदम उठाने की मांग की।
- आर्य ने कनाडा सरकार पर देश के आंतरिक मामलों में विदेशी हस्तक्षेप को रोकने पर ध्यान केंद्रित करने का आह्वान किया।
आख़िर तक – इन डेप्थ
कनाडा में खालिस्तानी उग्रवाद का मुद्दा एक बार फिर चर्चा में है, जब भारतीय मूल के कनाडाई सांसद चंद्र आर्य ने इस खतरनाक प्रवृत्ति पर खुलकर चिंता जताई है। उन्होंने प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की सरकार से अपील की कि वह इस मुद्दे पर ध्यान दे और देश में खालिस्तानी उग्रवाद से निपटने के लिए ठोस कदम उठाए।
आर्य, जो ट्रूडो की लिबरल पार्टी के सांसद हैं, ने अपने वीडियो बयान में कहा कि यह खालिस्तानी उग्रवाद कनाडा के लिए एक आंतरिक समस्या है और इसका राजनीतिक पोषण हो रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि हिंदू-कनाडाई समुदाय इस बढ़ते खतरनाक माहौल से खुद को असुरक्षित महसूस कर रहा है, खासकर हाल के घटनाक्रमों के बाद।
उन्होंने कनाडा सरकार पर दबाव डालते हुए कहा कि यह सरकार और कानून प्रवर्तन एजेंसियों की जिम्मेदारी है कि वे इस समस्या को गंभीरता से लें और इस पर कार्रवाई करें। इसके अलावा, आर्य ने हिंदू-कनाडाई समुदाय को अपनी आवाज उठाने और अपने अधिकारों की रक्षा के लिए राजनीतिक जवाबदेही की मांग करने का आह्वान किया।
चंद्र आर्य पहले भी खालिस्तानी उग्रवाद के खिलाफ मुखर रहे हैं और उन्होंने हिंदू मंदिरों पर हुए हमलों की कड़ी निंदा की है। उन्होंने अपनी चिंताओं को साझा करते हुए कहा कि उन्हें भी व्यक्तिगत रूप से इन खालिस्तानी समर्थक प्रदर्शनों का सामना करना पड़ा है, जिससे उनकी सुरक्षा खतरे में आई है।
खालिस्तानी उग्रवाद और इसके राजनीतिक समर्थन ने कनाडा और भारत के बीच कूटनीतिक संबंधों को तनावपूर्ण बना दिया है। भारत ने बार-बार कनाडा को खालिस्तानी तत्वों पर कार्रवाई करने का आग्रह किया है, लेकिन कनाडा इसे शांतिपूर्ण प्रदर्शन का अधिकार बताकर नजरअंदाज करता रहा है।
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