Aakhir Tak – In Shorts:
चेन्नई में दो लोगों को अमेरिका वीजा आवेदकों को फर्जी प्रमाणपत्र जारी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों ने हैदराबाद स्थित एक कंपनी से यह प्रमाणपत्र प्राप्त किए थे। पुलिस ने 90 फर्जी प्रमाणपत्र और मुहरें भी जब्त की हैं।
Aakhir Tak – In Depth:
चेन्नई पुलिस ने एक धोखाधड़ी रैकेट का पर्दाफाश करते हुए दो लोगों को गिरफ्तार किया है। ये आरोपी एक हैदराबाद स्थित कंपनी से फर्जी शैक्षणिक प्रमाणपत्र और नौकरी के अनुभव के दस्तावेज तैयार कर रहे थे, ताकि अमेरिकी वीजा प्राप्त किया जा सके।
पुलिस की कार्रवाई 22 अक्टूबर को अमेरिकी वाणिज्य दूतावास के लिए एक विदेशी आपराधिक जांचकर्ता की शिकायत के बाद शुरू हुई। शिकायत के अनुसार, आरोपियों में से एक, अजय भंडारिया, ने एक वर्क वीजा के लिए आवेदन करते समय गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल एंड मैनेजमेंट द्वारा जारी डिप्लोमा प्रमाणपत्र और मैरियट होटल एवं कन्वेंशन सेंटर से एक नौकरी का अनुभव प्रमाणपत्र प्रस्तुत किया था, जो फर्जी पाए गए।
अमेरिकी वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों के साथ साक्षात्कार के दौरान, भंडारिया ने भी फर्जी दस्तावेज़ और नौकरी के अनुभव को प्राप्त करने की बात कबूल की। उसने अधिकारियों को बताया कि इन दस्तावेज़ों के लिए पांच लाख रुपये का भुगतान हैदराबाद स्थित “ड्रीम फॉर ओवरसीज प्राइवेट लिमिटेड” नामक कंपनी को किया गया था।
अमेरिकी वाणिज्य दूतावास से प्राप्त शिकायत के बाद, चेन्नई पुलिस की एक टीम ने भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया। इस मामले में “ड्रीम फॉर ओवरसीज कंसल्टेंसी” के प्रमुख बलानंदेस्वरा राव और अन्य व्यक्ति, कोप्स महेश को हैदराबाद से गिरफ्तार किया गया।
जांच दल ने पाया कि फर्जी अनुभव और शैक्षणिक प्रमाणपत्र प्रदान करने के लिए पांच लाख रुपये का शुल्क लिया गया था। महेश ने बताया गया कि उसने अपनी कंपनी, सिबिल टेक्नोलॉजीज, से फर्जी पाठ्यक्रम पूर्णता प्रमाणपत्र भी जारी किए थे। पुलिस ने महेश के कब्जे से 90 फर्जी प्रमाणपत्र और मुहरें भी जब्त की हैं।
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