आखिर तक – शॉर्ट्स में
- CJI डीवाई चंद्रचूड़ का अंतिम कार्य दिवस 8 नवंबर, 2024 को था।
- उन्होंने न्यायपालिका में अपनी यात्रा पर भावुक होकर विचार किया।
- न्यायालय में उनके सहयोगियों ने उन्हें भावपूर्ण विदाई दी।
- चंद्रचूड़ ने न्यायपालिका की परंपराओं की प्रशंसा की और क्षमा मांगी।
- उनके उत्तराधिकारी, जस्टिस संजीव खन्ना, ने उनके योगदान को सराहा।
आखिर तक – विस्तार से
भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ का 8 नवंबर, 2024 को अंतिम कार्य दिवस था। अपने कार्यकाल के समापन पर, चंद्रचूड़ ने न्यायिक यात्रा में मिले अनुभवों को साझा किया और उन सभी को धन्यवाद दिया जिन्होंने इस यात्रा में योगदान दिया। उन्होंने कहा, “यदि मैंने अनजाने में किसी को ठेस पहुंचाई हो, तो कृपया मुझे क्षमा करें।” उनके इस कथन ने न्यायालय में मौजूद लोगों को भावुक कर दिया।
चंद्रचूड़ ने न्यायपालिका में अपने कार्यकाल को एक तीर्थ यात्रा के रूप में देखा और इसे एक विशेषाधिकार मानते हुए कहा, “हम यहां काम करने के लिए तीर्थयात्री की तरह हैं, और हमारे द्वारा किए गए कार्य से मामलों का निपटारा होता है।”
उनके सहयोगियों और न्यायालय के वरिष्ठ सदस्यों ने उनके प्रति सम्मान व्यक्त किया। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, “सरकार के मामले में, हमने कुछ जीते, कुछ हारे, लेकिन हमें हमेशा न्यायालय में अपना पक्ष रखने का मौका मिला।”
चंद्रचूड़ के उत्तराधिकारी, जस्टिस संजीव खन्ना, ने कहा कि उनका रास्ता आसान होगा क्योंकि चंद्रचूड़ ने न्यायपालिका में कई बदलाव किए हैं, लेकिन मुश्किल भी होगी क्योंकि वह उनसे मार्गदर्शन नहीं ले सकेंगे।
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने यह सुनिश्चित किया कि न्याय का मानवतावादी दृष्टिकोण न्यायालय में कायम रहे, जिससे भारत की न्यायिक व्यवस्था में उनका योगदान हमेशा याद रखा जाएगा।
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