हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भारी बारिश के चलते बादल फटने की घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें 13 लोगों की जान चली गई है। कई घर ढह गए हैं और कई लोग अभी भी लापता हैं। राहत और बचाव कार्य तेज़ी से चल रहे हैं और प्रशासन इस आपदा से निपटने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। इस लेख में इस त्रासदी की पूरी जानकारी दी गई है और बचाव कार्यों के बारे में अपडेट साझा किए गए हैं।
उत्तराखंड में बादल फटने से जनहानि
उत्तराखंड में इस आपदा से नौ लोगों की मौत हो गई, जिनमें टेहरी, हरिद्वार, रुड़की, चमोली और देहरादून जिलों के लोग शामिल हैं। सबसे अधिक प्रभावित टेहरी जिला हुआ है, जहां तीन लोगों की मौत हुई, जिनमें विपिन (30) शामिल हैं, जो ऋषिकेश एम्स में उपचार के दौरान चल बसे। विपिन के माता-पिता की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। बचाव दल एक साधु की तलाश कर रहे हैं जो इस आपदा के बाद लापता हो गया है।
टेहरी जिला अधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि चारधाम यात्रा मार्ग को जोड़ने वाला पुल बनाना चार से पांच दिन लग सकते हैं। इस बीच, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और जल्द ही प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर सकते हैं। स्थानीय विधायक शक्ति लाल शाह ने अधिकारियों को राहत और बचाव कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।
हिमाचल प्रदेश: भारी बारिश और त्रासदी
हिमाचल प्रदेश में भी बादल फटने के कारण तीन लोगों की मौत हो गई और 44 लोग लापता हैं। शिमला जिले के रामपुर क्षेत्र में, एक जल विद्युत परियोजना स्थल के पास बादल फटने से एक व्यक्ति की मौत हो गई और 36 लोग लापता हैं। मंडी में भी आठ लोग लापता हैं। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सीआईएसएफ और होम गार्ड की टीमों को बचाव कार्य में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि सड़कों को नुकसान पहुंचा है और नदियां उफान पर हैं।
उपायुक्त अनुपम कश्यप ने कहा कि स्थिति गंभीर है और अतिरिक्त सहायता के लिए आईटीबीपी की मदद मांगी गई है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा के साथ समन्वय कर रहे हैं, जिन्होंने केंद्र सरकार की ओर से पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया है।
मौसम पूर्वानुमान और भविष्य की सावधानियां
क्षेत्रीय मौसम कार्यालय ने हिमाचल प्रदेश के सभी जिलों के लिए भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जिसमें किन्नौर और लाहौल-स्पीति को छोड़कर। राज्य में भारी बारिश की संभावना को देखते हुए शुक्रवार को येलो अलर्ट भी जारी किया गया है। यह बारिश का सिलसिला 6 अगस्त तक जारी रहने की संभावना है। प्रशासन ने निवासियों और आगंतुकों से सावधानी बरतने और अनावश्यक यात्रा से बचने का आग्रह किया है।
उत्तराखंड में प्रभाव और प्रतिक्रिया
उत्तराखंड में भारी बारिश के प्रभाव व्यापक हैं। जनहानि के अलावा, बुनियादी ढांचे को भी भारी नुकसान पहुंचा है। घनसाली केदारनाथ मार्ग पर एक पुल क्षतिग्रस्त हो गया है, जिससे चारधाम यात्रा बाधित हो गई है। हरिद्वार में सुखी नदी में कांवड़ियों के लिए सामान ले जाने वाला एक ट्रक बह गया, हालांकि कोई हताहत नहीं हुआ। पिथौरागढ़ जिले में कई घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं, हालांकि कोई हताहत नहीं हुआ है।
मुख्यमंत्री धामी ने लोगों से अनावश्यक यात्रा से बचने और घरों में ही रहने की अपील की है। उन्होंने आश्वासन दिया कि राज्य में रहने वाले और आने वाले लोगों की सुरक्षा सर्वोपरि है।
हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में हालिया बादल फटना घटनाएं प्रकृति की विनाशकारी शक्ति की एक कड़ी याद दिलाती हैं। राहत कार्य जारी है, और प्रशासन प्रभावित परिवारों को सहायता प्रदान करने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहा है। सरकार और स्थानीय अधिकारी स्थिति का प्रबंधन करने और आगे की त्रासदी से बचने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। नवीनतम अपडेट और सुरक्षा दिशानिर्देशों के लिए स्थानीय समाचार देखें और आधिकारिक सलाह का पालन करें।
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