दिल्ली की वायु गुणवत्ता फिर से ‘गंभीर’ श्रेणी में

आख़िर तक
2 Min Read
दिल्ली-एनसीआर के 75% परिवार प्रदूषण के कारण स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं

आखिर तक – इन शॉर्ट्स

दिल्ली की वायु गुणवत्ता फिर से ‘गंभीर’ श्रेणी में जा रही है। दिल्ली के 40 मॉनिटरिंग स्टेशनों में से 12 से अधिक पहले ही ‘गंभीर’ AQI स्तर की रिपोर्ट कर रहे हैं, कुछ ने 437 तक पहुंचा। हालांकि, पराली जलाने की हिस्सेदारी घटकर 15% रह गई है, फिर भी वाहनों के उत्सर्जन, औद्योगिक गतिविधियों और निर्माण के धूलकण प्रदूषण में बड़े योगदानकर्ता हैं।

आखिर तक – विस्तृत रिपोर्ट

दिल्ली एक बार फिर दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में पहले स्थान पर है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) ‘गंभीर’ श्रेणी में प्रवेश करने के कगार पर है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, रविवार को AQI 382 दर्ज किया गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है।

पराली जलाने की हिस्सेदारी में कमी

शनिवार को पराली जलाने से उत्पन्न प्रदूषण की हिस्सेदारी केवल 15% रही, जबकि शुक्रवार को यह आंकड़ा 35% से अधिक था। इससे पता चलता है कि दिल्ली के वायु प्रदूषण पर अन्य कारकों का बड़ा प्रभाव है। वाहन उत्सर्जन, औद्योगिक गतिविधियां और निर्माण की धूलकण शहर के प्रदूषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ठंडी हवाओं और तापमान में गिरावट के कारण प्रदूषक हवा में फंस जाते हैं।

‘गंभीर’ श्रेणी में दर्जनों स्टेशन

दिल्ली के कई स्थानों पर वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ स्तर पर पहुंच गई है। आनंद विहार (436), रोहिणी (435), लाजपत नगर (430), और पंजाबी बाग (425) जैसी प्रमुख जगहें उच्च AQI स्तर की रिपोर्ट कर रही हैं।

एनसीआर में भी बिगड़ी हालत

एनसीआर के शहरों की वायु गुणवत्ता भी खराब स्थिति में है। बहादुरगढ़ (335), सोनीपत (321), गुड़गांव (281), नोएडा (313), ग्रेटर नोएडा (248), गाजियाबाद (290), और हापुड़ (280) जैसे शहर भी वायु प्रदूषण की मार झेल रहे हैं।


Discover more from पाएं देश और दुनिया की ताजा खबरें

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

author avatar
आख़िर तक मुख्य संपादक
Share This Article
Leave a Comment

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

करवा चौथ: महत्व और उत्सव खोया हुआ मोबाइल कैसे ढूंढे: आसान और तेज़ तरीके