हरियाणा पुलिस की ‘क्रूरता’ पर कांग्रेस का हमला, किसानों पर आंसू गैस की बौछार

आख़िर तक
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किसान आंदोलन: दिल्ली कूच मार्च अस्थायी रूप से स्थगित

आख़िर तक – एक नज़र में

  • हरियाणा पुलिस ने शंभू बॉर्डर पर पंजाब के किसानों के शांतिपूर्ण मार्च को रोकने के लिए आंसू गैस का प्रयोग किया।
  • कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने बीजेपी सरकार के ‘क्रूर’ कदम की निंदा की।
  • किसानों ने दिल्ली में MSP की कानूनी स्वीकृति की मांग को लेकर मार्च शुरू किया था।
  • बाजवा ने इसे असंवैधानिक और “हाईली अंडेमोक्रेटिक” बताया।
  • पंजाब और हरियाणा के किसानों के लिए MSP की कानूनी स्वीकृति की मांग ने आंदोलन को और तेज कर दिया।

आख़िर तक – विस्तृत समाचार

घटना का विवरण

शुक्रवार को हरियाणा पुलिस ने शंभू बॉर्डर पर पंजाब के किसानों के एक शांतिपूर्ण मार्च को रोकने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया। यह मार्च, जिसे ‘मरजीवदा जत्था’ के नाम से जाना जाता है, दिल्ली की ओर बढ़ रहा था। मार्च का उद्देश्य Minimum Support Price (MSP) की कानूनी स्वीकृति की मांग करना था। कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने इस घटना को ‘क्रूरता’ और ‘अत्याचार’ करार दिया।

कांग्रेस का आरोप

बाजवा ने हरियाणा सरकार पर आरोप लगाया कि वह किसानों के शांतिपूर्ण प्रदर्शन को दबाने के लिए अत्यधिक पुलिस बल का इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने कहा, “किसान केवल हरियाणा से होकर दिल्ली जा रहे थे, लेकिन राज्य सरकार को इस पर इतनी चिंता क्यों है?” बाजवा ने यह भी कहा कि हर भारतीय नागरिक को शांतिपूर्ण विरोध का अधिकार है, जो संविधान द्वारा保障ित है।

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MSP की कानूनी स्वीकृति की मांग

किसान इस मार्च के माध्यम से MSP को कानूनी दर्जा देने की मांग कर रहे थे, ताकि पूरे देश के किसानों को आर्थिक राहत मिल सके। बाजवा ने इस मुद्दे को हरियाणा के किसानों के लिए भी महत्वपूर्ण बताया, जिनका सामना भारी वित्तीय संकट से हो रहा है।

शांति मार्च में विघ्न

किसानों का यह मार्च शंभू बॉर्डर पर रोक दिया गया, जहां सुरक्षा बलों ने उन्हें आंसू गैस और अन्य बल का उपयोग करके पीछे धकेल दिया। इसके बावजूद, किसानों ने संघर्ष जारी रखने का संकल्प लिया।

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सरकार की आलोचना

कांग्रेस ने इस कदम की आलोचना करते हुए इसे “अत्याचारी” और “तानाशाही” करार दिया। बाजवा ने इस घटना को लोकतंत्र पर हमला बताया और बीजेपी सरकार पर तानाशाही से प्रेरित होने का आरोप लगाया।


आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें

  • हरियाणा पुलिस ने किसानों के शांतिपूर्ण मार्च को रोकने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया।
  • कांग्रेस ने इसे असंवैधानिक और तानाशाही कार्रवाई बताया।
  • किसानों की प्रमुख मांग MSP को कानूनी दर्जा दिलवाना है।
  • बाजवा ने यह मुद्दा न केवल पंजाब, बल्कि पूरे देश के किसानों के लिए महत्वपूर्ण बताया।
  • कांग्रेस का कहना है कि हर नागरिक को शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने का अधिकार है।

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आख़िर तक मुख्य संपादक
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