अवैध पेड़ कटाई: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली उपराज्यपाल से जवाब मांगा

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अवैध पेड़ कटाई: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली उपराज्यपाल से जवाब मांगा

आखिर तक – इन शॉर्ट्स

  • सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना को अवैध पेड़ कटाई मामले में व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया।
  • पेड़ काटने की घटना फरवरी 2024 में दक्षिण दिल्ली के रिज जंगल में हुई थी, और बिना अनुमति के 1,100 पेड़ काटे गए।
  • कोर्ट ने उपराज्यपाल को अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने और अनुशासनात्मक कार्रवाई की जानकारी देने का आदेश दिया।

आखिर तक – इन डेप्थ

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना से अवैध पेड़ कटाई के मामले में व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने को कहा है। पेड़ काटने की यह घटना फरवरी 2024 में दक्षिण दिल्ली के रिज जंगल में हुई थी, जहां 1,100 से अधिक पेड़ बिना अनुमति के काट दिए गए। अदालत ने उपराज्यपाल को अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने और अनुशासनात्मक कार्रवाई के बारे में जानकारी देने का आदेश दिया।

सुप्रीम कोर्ट की बेंच, जिसमें मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा शामिल थे, ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि पेड़ काटने की शुरुआत 16 फरवरी से हुई थी, और इसके लिए अदालत से कोई अनुमति नहीं ली गई थी। कोर्ट ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार और अदालत की अनुमति के बिना 523 पेड़ रिज के निकट काटे गए थे।

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मामले में याचिकाकर्ता बिंदु कपूरा के वकील, वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन ने तर्क दिया कि उपराज्यपाल ने पेड़ काटने का आदेश दिया था। वहीं, उपराज्यपाल वीके सक्सेना के वकील महेश जेठमलानी ने कहा कि उपराज्यपाल ने 3 फरवरी को साइट का दौरा किया था, लेकिन उन्होंने पेड़ काटने का कोई निर्देश नहीं दिया। अदालत ने पूछा कि क्या उपराज्यपाल को कोर्ट से अनुमति लेने की जरूरत के बारे में जानकारी दी गई थी और अगर हां, तो क्या कदम उठाए गए।

कोर्ट ने यह भी सवाल किया कि काटे गए पेड़ों की लकड़ी कहां गई और पर्यावरणीय संतुलन को बहाल करने के लिए क्या कदम उठाए गए।

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इस मामले में जून 2024 में दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने 1,100 पेड़ों की कटाई की जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया था। कोर्ट ने उपराज्यपाल को अनुशासनात्मक या आपराधिक कार्रवाई करने का निर्देश दिया, और 22 अक्टूबर तक इस मामले में प्रगति की जानकारी देने को कहा।


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आख़िर तक मुख्य संपादक
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