आख़िर तक – एक नज़र में
- सर्वेक्षण के मुताबिक, 55% भारतीय यौन जीवन से असंतुष्ट हैं।
- 62% लोग बोरियत को दूर करने और नयापन अपनाने के इच्छुक हैं।
- 87% लोगों के लिए भावनात्मक जुड़ाव प्राथमिकता है।
- महिलाएँ यौन असंतोष व्यक्त करने में अधिक मुखर हो रही हैं।
- आधुनिक जीवनशैली और संवाद की कमी मुख्य कारण हैं।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
सर्वेक्षण के मुख्य तथ्य
‘मायम्यूज 2025’ सर्वेक्षण में 10,000 से अधिक भारतीय प्रतिभागियों ने अपने यौन जीवन को लेकर खुलकर राय व्यक्त की। सर्वेक्षण से पता चला कि 55% लोग यौन संतुष्टि का अभाव महसूस करते हैं। 62% लोगों ने यौन जीवन में नयापन लाने की इच्छा जताई।
इसके साथ ही, 87% उत्तरदाताओं ने कहा कि भावनात्मक जुड़ाव उनके लिए शारीरिक निकटता से अधिक महत्वपूर्ण है। इन आंकड़ों ने यह संकेत दिया कि भारतीय समाज यौन जीवन पर खुलकर चर्चा करने के लिए धीरे-धीरे तैयार हो रहा है।
महिलाओं की भूमिका और दृष्टिकोण
सर्वेक्षण के अनुसार, 60% महिलाएं अपनी यौन आवश्यकताओं को लेकर असंतोष व्यक्त करती हैं, जबकि पुरुषों में यह आंकड़ा 53% है। महिलाओं की ओर से असंतोष की इस ऊंची दर ने लंबे समय से मौजूद सामाजिक रूढ़ियों को चुनौती दी है।
विशेषज्ञों का कहना है कि पारिवारिक जिम्मेदारियों, प्राइवेसी की कमी और सांस्कृतिक बाधाओं के कारण महिलाएं खुलकर अपनी आवश्यकताओं को व्यक्त नहीं कर पाती हैं।
सामाजिक और सांस्कृतिक प्रभाव
भारत में संयुक्त परिवारों में रहने की परंपरा और व्यक्तिगत स्थान की कमी दंपत्तियों के यौन जीवन को गंभीर रूप से प्रभावित करती है।
तांत्रा और मेडिटेशन कोच श्रीशति सिंघल के अनुसार, ‘‘भारतीय समाज में यौन शिक्षा की कमी बड़ी समस्या है। इसका नतीजा यह होता है कि लोग नई चीजों की जानकारी या अनुभव प्राप्त करने के लिए प्रेरित नहीं होते।’’
सर्वेक्षण से यह भी पता चलता है कि यौन संबंधों में संवाद की कमी एक बड़ी बाधा है। जोड़ों के बीच खुली और ईमानदार बातचीत के बिना, लंबे समय तक संबंध स्थिर नहीं रह सकते।
आधुनिक जीवनशैली का प्रभाव
आज की तेज़ रफ्तार जिंदगी में दंपतियों के पास एक-दूसरे के लिए समय की कमी हो जाती है।
इसके कारण, यौन संबंध केवल तनाव से राहत पाने का एक जरिया बनकर रह जाते हैं। विवाह के प्रारंभिक वर्षों में यह पर्याप्त लग सकता है, लेकिन बच्चों और अन्य जिम्मेदारियों के आने के बाद, यह अनपेक्षित मुद्दों का कारण बनता है।
प्रगति और संवाद की ओर प्रयास
सर्वेक्षण में यह भी बताया गया है कि अब भारतीय समाज यौन कल्याण पर अधिक ध्यान दे रहा है। लगभग 48% प्रतिभागियों ने यौन जीवन को बेहतर बनाने के लिए नए उपकरण और तरीके अपनाने में रुचि व्यक्त की।
‘मायम्यूज’ की सह-संस्थापक अनुष्का गुप्ता के अनुसार, ‘‘इस सर्वेक्षण ने केवल भारतीय यौन जीवन के पहलुओं को नहीं उजागर किया है, बल्कि संवाद और प्रयोग की आवश्यकता पर भी जोर दिया है।’’
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
- 55% भारतीय यौन जीवन से असंतुष्ट हैं।
- नई चीज़ों को अपनाने की इच्छा बढ़ रही है।
- महिलाएँ अपनी आवश्यकताओं को व्यक्त करने में अधिक मुखर हैं।
- सांस्कृतिक और सामाजिक कारक प्रमुख बाधाएँ हैं।
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