आख़िर तक – एक नज़र में
- अमेरिकी हमले के बाद ईरान ने रूस से समर्थन मांगा है, जिससे ईरान-अमेरिका तनाव और बढ़ गया है।
- रूस के पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने संकेत दिया है कि कई देश ईरान को परमाणु हथियार देने को तैयार हैं।
- ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अरागची राष्ट्रपति पुतिन से बातचीत के लिए मॉस्को पहुंचे हैं।
- मेदवेदेव ने दावा किया कि अमेरिकी हमला विफल रहा और इससे ईरान का शासन और मजबूत हुआ है।
- यह घटनाक्रम एक नए ईरान-रूस परमाणु सहयोग की शुरुआत का संकेत दे सकता है।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
मॉस्को/तेहरान: ईरान पर हालिया अमेरिकी हमले के बाद वैश्विक राजनीति में एक बड़ा भूचाल आ गया है। इस हमले के जवाब में अब ईरान को रूस का समर्थन मिलता दिख रहा है। रूस के एक शीर्ष नेता ने यहां तक संकेत दे दिया है कि ईरान को परमाणु हथियार मिल सकते हैं। यह घटनाक्रम एक नए और खतरनाक ईरान-रूस परमाणु सहयोग की ओर इशारा कर रहा है, जिससे मध्य पूर्व में संकट और गहरा सकता है।
मेदवेदेव का विस्फोटक दावा: परमाणु मदद का संकेत
रूस के पूर्व राष्ट्रपति और सुरक्षा परिषद के वर्तमान उपाध्यक्ष दिमित्री मेदवेदेव ने एक विस्फोटक दावा किया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर कहा कि कई देश अब ईरान को सीधे परमाणु हथियार देने के लिए तैयार हैं। हालांकि, उन्होंने इन देशों का नाम नहीं लिया। मेदवेदेव का यह बयान ईरान को रूस का समर्थन मिलने का अब तक का सबसे बड़ा संकेत माना जा रहा है।
अमेरिकी हमले को बताया विफल
मेदवेदेव ने इस्फहान, नातान्ज और फोर्डो पर हुए अमेरिकी हमला को पूरी तरह विफल बताया। उन्होंने कहा कि अमेरिका अपने लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाया। बल्कि इसका उल्टा असर हुआ है। उन्होंने दावा किया, “परमाणु ईंधन चक्र के महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को कोई नुकसान नहीं हुआ है।” मेदवेदेव ने कहा कि अब ईरान का परमाणु संवर्धन और भविष्य में परमाणु हथियारों का उत्पादन जारी रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि इस हमले से ईरान का राजनीतिक शासन और मजबूत हुआ है।
ईरानी विदेश मंत्री का मॉस्को दौरा
अमेरिकी हमलों के तुरंत बाद ईरान ने रूस से संपर्क साधा है। ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने रविवार को घोषणा की कि वह रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बातचीत के लिए मॉस्को जा रहे हैं। उन्होंने कहा, “मैं आज दोपहर मॉस्को जा रहा हूं।” अरागची ने कहा कि रूस के साथ उनकी रणनीतिक साझेदारी है और वे हमेशा एक-दूसरे से सलाह लेते हैं। यह यात्रा दोनों देशों के बीच गहरे होते संबंधों को दर्शाती है।
ट्रंप और अमेरिका पर साधा निशाना
दिमित्री मेदवेदेव ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का भी मजाक उड़ाया। उन्होंने कहा, “ट्रंप, जिन्हें कभी ‘शांति का राष्ट्रपति’ कहा जाता था, ने अब अमेरिका को एक और युद्ध में धकेल दिया है।” उन्होंने कहा कि अमेरिका अब एक नए संघर्ष में उलझ गया है, जिसके दूरगामी परिणाम होंगे। मेदवेदेव ने यह भी कहा कि इस हमले के कारण इजरायल पर भी खतरा बढ़ गया है।
बढ़ता क्षेत्रीय तनाव और अमेरिका का रुख
राष्ट्रपति ट्रंप ने शनिवार को ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले की पुष्टि की थी। अमेरिकी अधिकारियों ने हमलों के बाद ईरान से कूटनीतिक संपर्क साधा। उन्होंने आश्वासन दिया कि यह ऑपरेशन सीमित था और इसका उद्देश्य सत्ता परिवर्तन नहीं है। हालांकि, इसके बाद भी तनाव बढ़ गया है। ईरान ने इजरायल पर जवाबी मिसाइल और ड्रोन हमले किए, जिसके कारण स्थिति और बिगड़ गई है।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
- अमेरिकी हमला के बाद ईरान ने रूस की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाया है।
- दिमित्री मेदवेदेव के बयान से ईरान-रूस परमाणु सहयोग की अटकलें तेज हो गई हैं।
- ईरान को रूस का समर्थन मिलने से मध्य पूर्व में शक्ति संतुलन बदल सकता है।
- ईरानी विदेश मंत्री की पुतिन से मुलाकात इस संकट में एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकती है।
- यह घटनाक्रम ईरान-अमेरिका तनाव को एक नए और खतरनाक स्तर पर ले जा रहा है।
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