आख़िर तक – इन शॉर्ट्स
- इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने संयुक्त राष्ट्र की शांति सेना UNIFIL के सदस्यों पर हमला करने के आरोपों को खारिज किया।
- नेतन्याहू ने दावा किया कि इजरायली रक्षा बलों (IDF) ने UNIFIL कर्मियों को युद्ध क्षेत्र से हटने के लिए कई बार अनुरोध किया था।
- उन्होंने कहा कि UNIFIL को हिज़्बुल्लाह द्वारा कवर के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है, जो इजरायल पर हमला करता है।
आख़िर तक – इन डेप्थ
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सोमवार को यह दावा किया कि इजरायली रक्षा बलों (IDF) ने संयुक्त राष्ट्र की शांति सेना, UNIFIL के कर्मियों को जानबूझकर निशाना नहीं बनाया है। यह बयान तब आया जब UNIFIL के कुछ सदस्यों को हाल ही में हुए हिज़्बुल्लाह और इजरायली बलों के बीच के संघर्ष में नुकसान पहुंचा था। नेतन्याहू ने इन आरोपों को “पूरी तरह से झूठा” बताया और फिर से UNIFIL के कर्मियों से युद्ध क्षेत्र से दूर जाने की अपील की।
उन्होंने कहा कि IDF ने कई बार UNIFIL से युद्ध क्षेत्र छोड़ने का अनुरोध किया था, खासकर तब, जब इजरायल ने लेबनान में हिज़्बुल्लाह के ठिकानों पर हमला किया था। नेतन्याहू का यह भी दावा है कि हिज़्बुल्लाह, UNIFIL के ठिकानों का उपयोग अपने हमलों के लिए एक ढाल के रूप में करता है, और इसी वजह से शांति कर्मियों को इस संघर्ष के बीच फंसने का खतरा है।
हिज़्बुल्लाह ने पिछले वर्ष 8 अक्टूबर को इजरायल पर हमला किया था, जिसमें उसने बिना किसी उकसावे के हजारों रॉकेट दागे थे। इजरायल ने इसके जवाब में हिज़्बुल्लाह के खिलाफ सैन्य अभियान छेड़ा है। नेतन्याहू ने कहा कि इजरायल का मकसद केवल हिज़्बुल्लाह से लड़ना है, न कि UNIFIL या लेबनान के लोगों से।
इस बीच, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को दिए एक संदेश में, नेतन्याहू ने कहा कि UNIFIL कर्मियों को न हटाने से वे हिज़्बुल्लाह के “बंधक” बन जाते हैं, जो उनके और इजरायली सैनिकों के लिए खतरनाक हो सकता है। इसके विपरीत, UNIFIL के प्रवक्ता एंड्रिया टेनेटी ने कहा कि UNIFIL के सैनिकों ने युद्ध क्षेत्र में बने रहने का फैसला किया है, क्योंकि यह उनके लिए महत्वपूर्ण है कि वे संघर्ष क्षेत्र से रिपोर्ट कर सकें।
इस बीच, लेबनान के प्रधानमंत्री नजीब मिकाती ने नेतन्याहू के बयान की निंदा की और कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय मानदंडों का उल्लंघन है। उन्होंने नेतन्याहू की UNIFIL को हटाने की मांग को “दुश्मनी” करार दिया।
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