कनाडा की दोहरी कूटनीति पर एस. जयशंकर का कड़ा बयान

आख़िर तक
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कनाडा के साथ कूटनीतिक तनाव पर बोले जयशंकर: संभलकर राजनीति होनी चाहिए

आख़िर तक – इन शॉर्ट्स:

  1. भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कनाडा की कूटनीति में दोहरे मापदंडों की आलोचना की, खासतौर पर विदेशी राजनयिकों की गतिविधियों को लेकर।
  2. जयशंकर ने कहा कि कनाडा में भारतीय राजनयिकों की गतिविधियों को सीमित किया जाता है, जबकि उनके अपने राजनयिक भारत में स्वतंत्र रूप से जानकारी इकट्ठा करते हैं।
  3. कनाडा में खालिस्तानी तत्वों द्वारा भारत विरोधी गतिविधियों पर भारत ने खुलकर विरोध जताया, जिसे कनाडा ‘अभिव्यक्ति की आज़ादी’ का हवाला देकर नजरअंदाज करता है।

आख़िर तक – इन डेप्थ:

भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कनाडा के साथ बढ़ते कूटनीतिक तनाव के बीच सोमवार को कनाडा की दोहरी नीति की आलोचना की। जयशंकर ने कनाडा पर आरोप लगाया कि वहां के राजनयिक भारतीय राजनयिकों की तुलना में काफी स्वतंत्रता से काम करते हैं, जबकि भारतीय राजनयिकों को कनाडा में सीमित किया जाता है। इस संदर्भ में उन्होंने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की जांच में भारतीय उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा को घसीटने पर विरोध जताया।

जयशंकर ने कहा कि जब भारतीय राजनयिक कनाडा में उनके नागरिकों की सुरक्षा के लिए जानकारी जुटाने की कोशिश करते हैं, तो कनाडा को आपत्ति होती है। लेकिन कनाडाई राजनयिक भारत में जाकर भारतीय सैन्य और पुलिस अधिकारियों की जानकारी आसानी से इकट्ठा करते हैं। जयशंकर ने ये बातें NDTV वर्ल्ड समिट में कही, जहां उन्होंने कनाडा की कूटनीति में असमानता की ओर इशारा किया। उन्होंने ये भी बताया कि कनाडा में भारतीय नेताओं और राजनयिकों को धमकियां दी जाती हैं, लेकिन कनाडा इसे ‘अभिव्यक्ति की आज़ादी’ का हिस्सा मानता है।

कनाडा की ओर से भारतीय मीडिया पर विदेशी हस्तक्षेप का आरोप लगाया गया है, विशेष रूप से इंडिया टुडे के 5Live प्रोग्राम पर, जिसे शिव अरूर द्वारा होस्ट किया गया था। जयशंकर ने इसे भी विदेशी मीडिया हस्तक्षेप का उदाहरण बताते हुए कहा कि यह दोहरी नीति की एक और मिसाल है। इसके अलावा, कनाडा में भारतीय राजदूत संजय कुमार वर्मा ने कहा कि वह खालिस्तानी और भारत-विरोधी तत्वों पर नज़र रख रहे थे, लेकिन किसी गुप्त साधनों का उपयोग नहीं कर रहे थे।


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आख़िर तक मुख्य संपादक
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