आखिर तक – इन शॉर्ट्स
- झांसी मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार रात आग लगने से 10 नवजातों की मौत हो गई।
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना की तीन-स्तरीय जांच के आदेश दिए।
- अस्पताल ने अग्निशमन यंत्रों की खराबी के दावों को खारिज किया।
- 16 बच्चों का इलाज जारी, अन्य बच्चों की स्थिति की जांच हो रही है।
- मृतकों के परिवारों को 5 लाख रुपये और घायल बच्चों के परिवारों को 50,000 रुपये की सहायता दी जाएगी।
आखिर तक – इन डिटेल
झांसी अस्पताल में आग: हादसे की पूरी जानकारी
उत्तर प्रदेश के झांसी में महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार रात नवजात गहन चिकित्सा इकाई (NICU) में आग लग गई। घटना में 10 नवजात बच्चों की मौत हो गई, जबकि 16 अन्य घायल हो गए। जिला मजिस्ट्रेट अविनाश कुमार के अनुसार, आग का कारण शॉर्ट सर्किट था।
जांच के लिए बनाई गई विशेष टीम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना की तीन-स्तरीय जांच के आदेश दिए। मेडिकल एजुकेशन और ट्रेनिंग के महानिदेशक के नेतृत्व में चार-सदस्यीय टीम गठित की गई। टीम सात दिनों में अपनी रिपोर्ट देगी।
अस्पताल के दावों पर विवाद
अस्पताल प्रशासन ने अग्निशमन यंत्रों के खराब होने के दावों को खारिज किया। झांसी जिला पुलिस अधीक्षक ने बताया कि 52 से 54 बच्चे NICU में भर्ती थे। बचाए गए बच्चों को अन्य वार्ड में स्थानांतरित कर दिया गया।
मृतकों के परिजनों को सहायता
मुख्यमंत्री राहत कोष से मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये की सहायता दी जाएगी।
राजनीतिक प्रतिक्रिया और सवाल
इस घटना पर विपक्ष ने राज्य सरकार को घेरा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपनी संवेदना व्यक्त की।
याद रखने योग्य बातें
- झांसी अस्पताल में शॉर्ट सर्किट से लगी आग।
- 10 नवजातों की मौत, 16 घायल।
- जांच के आदेश और परिजनों को मुआवजा।
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