आख़िर तक – शॉर्ट्स
- कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो पर उनकी ही लिबरल पार्टी के अंदर से इस्तीफे का दबाव बढ़ रहा है।
- लिबरल सांसद सीन केसी ने सार्वजनिक रूप से ट्रूडो के इस्तीफे की मांग की है।
- चुनावी नतीजों और बढ़ती महंगाई से पार्टी में असंतोष का माहौल बना हुआ है।
आख़िर तक – इन डेप्थ
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो इन दिनों भारी राजनीतिक दबाव का सामना कर रहे हैं। उनकी अपनी लिबरल पार्टी के भीतर असंतोष और अविश्वास का माहौल है, जिससे उनके इस्तीफे की मांगें तेज़ होती जा रही हैं। लिबरल सांसद सीन केसी ने सार्वजनिक रूप से CBC न्यूज़ पर ट्रूडो के इस्तीफे की मांग की, जिसमें उन्होंने कहा, “मुझे लगातार यह संदेश मिल रहा है कि अब ट्रूडो को जाना चाहिए, और मैं इससे सहमत हूं।”
यह बयान लिबरल पार्टी के अंदरूनी संकट और हालिया चुनावी असफलताओं के बीच आया है। पार्टी के कई प्रमुख नेताओं ने ट्रूडो की नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठाए हैं। इसके साथ ही, पार्टी को हाल ही में मॉन्ट्रियल और टोरंटो जैसे अपने पारंपरिक गढ़ों में हार का सामना करना पड़ा है, जिससे अगले चुनावों के लिए पार्टी की तैयारियों पर सवाल उठने लगे हैं।
लिबरल सांसद एंथनी हाउसफादर ने भी एक मजबूत चर्चा की मांग की है कि क्या ट्रूडो पार्टी को अगले चुनाव तक नेतृत्व करने के लिए सबसे उपयुक्त व्यक्ति हैं। हाउसफादर का कहना है कि पार्टी को इस मुद्दे पर मीडिया में नहीं, बल्कि पार्टी के अंदर चर्चा करनी चाहिए।
ट्रूडो के नेतृत्व पर सवाल तब और बढ़ गए जब उनकी लोकप्रियता 63 प्रतिशत से गिरकर अब लगभग 28-33 प्रतिशत तक पहुंच गई है। देश में महंगाई और आवास संकट ने जनता में व्यापक असंतोष पैदा कर दिया है, जो पार्टी के कई सदस्यों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। इसके अलावा, NDP के साथ समझौता खत्म होने से भी सरकार की स्थिरता पर असर पड़ा है।
ट्रूडो की भारत पर लगाए गए आरोप, कि भारत ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भूमिका निभाई, इस आंतरिक संकट के बीच आए हैं। जबकि उनकी पार्टी और विपक्ष इस मुद्दे पर एकजुट दिखे हैं, राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ट्रूडो इस मुद्दे का इस्तेमाल घरेलू दबाव से ध्यान हटाने के लिए कर रहे हैं।
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