किसानों के मुद्दों पर संवाद क्यों नहीं? जगदीप धनखड़ ने उठाया सवाल

आख़िर तक
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किसानों के मुद्दों पर संवाद क्यों नहीं? जगदीप धनखड़ ने उठाया सवाल

आख़िर तक – एक नज़र में

  1. किसानों के प्रदर्शन के बीच उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने संवाद की कमी पर सवाल उठाया।
  2. उन्होंने कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से किसानों से किए गए वादों का पालन न होने पर प्रश्न किया।
  3. किसानों की समस्याओं को हल करना भारत की एकता जितना महत्वपूर्ण बताया।
  4. धनखड़ ने कहा कि किसानों की अनदेखी से देश को भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है।
  5. दिल्ली-नोएडा सीमा पर हजारों किसान मुआवजे और अन्य वादों के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं।

आख़िर तक – विस्तृत समाचार

किसानों की अनदेखी पर उपराष्ट्रपति का सवाल

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान किसानों के मुद्दों पर सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाया। उन्होंने कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से पूछा कि क्या उनके पूर्ववर्ती ने किसानों से कोई वादा किया था और अगर हां, तो उसका पालन क्यों नहीं हुआ? धनखड़ ने कहा, “किसानों की समस्याओं की अनदेखी दोषपूर्ण नीतियों को दर्शाती है। यह एक गंभीर मुद्दा है, और इसे हल करना उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि देश की एकता।”

सत्ताधारी दल पर दबाव बढ़ा

दिल्ली-नोएडा सीमा पर प्रदर्शन कर रहे किसान अपने मुआवजे और अन्य वादों के पूरे न होने से नाराज हैं। उन्होंने सरकार को सात दिनों का अल्टीमेटम दिया है। धनखड़ ने कहा कि किसान देश की आत्मा हैं और उनकी अनदेखी से देश को भारी नुकसान होगा। उन्होंने चेतावनी दी, “किसानों की सहनशक्ति की परीक्षा लेने की कोशिश न करें। उनका दमन करने से देश को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।”

शिवराज सिंह चौहान का बयान

शिवराज सिंह चौहान ने भी कहा कि भारत की समृद्धि किसानों के बिना अधूरी है। उन्होंने कहा, “किसान आज भी भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। बिना किसानों के भारत समृद्ध नहीं हो सकता।” हालांकि, उन्होंने किसानों के प्रदर्शन पर कोई विशेष टिप्पणी नहीं की।


आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें

  • उपराष्ट्रपति ने किसानों के मुद्दों पर संवाद की कमी पर सवाल उठाए।
  • किसानों के प्रदर्शन से सरकार पर दबाव बढ़ा है।
  • शिवराज सिंह चौहान ने किसानों को अर्थव्यवस्था की रीढ़ बताया।
  • सरकार को किसानों के मुद्दों को जल्द हल करने की चेतावनी दी गई।

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आख़िर तक मुख्य संपादक
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