लॉरेंस बिश्नोई की कस्टडी: मुंबई पुलिस की असफल कोशिशें

आख़िर तक
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लॉरेंस बिश्नोई गैंग प्रत्यर्पण पर कनाडा की चुप्पी: MEA ने उठाए सवाल

आख़िर तक – इन शॉर्ट्स

  1. मुंबई पुलिस लॉरेंस बिश्नोई की कस्टडी पाने में असफल, सबरमती जेल से नहीं मिल रही अनुमति।
  2. बाबा सिद्दीकी की हत्या में बिश्नोई गैंग की भूमिका की जांच जारी, मुंबई पुलिस कर रही जांच।
  3. गृह मंत्रालय के आदेश के चलते बिश्नोई की कस्टडी नहीं मिल रही, जेल ट्रांसफर पर रोक।

आख़िर तक – इन डेप्थ

मुंबई पुलिस के सामने बड़ी चुनौती यह है कि वे गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की कस्टडी हासिल नहीं कर पा रहे हैं, जो इस समय गुजरात की सबरमती जेल में बंद है। मुंबई पुलिस ने कई कोशिशें कीं, लेकिन गृह मंत्रालय के आदेश के कारण उन्हें कस्टडी नहीं मिल सकी है। लॉरेंस बिश्नोई का नाम कई हाई-प्रोफाइल मामलों में सामने आया है, जिनमें सलमान खान के घर पर गोलीबारी की घटना भी शामिल है।

हाल ही में बिश्नोई गैंग ने पूर्व महाराष्ट्र मंत्री और एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या की जिम्मेदारी ली। गिरफ्तार शूटरों ने भी मुंबई पुलिस को बताया कि वे बिश्नोई गैंग से ताल्लुक रखते हैं। इस मामले में बिश्नोई की भूमिका की जांच की जा रही है।

गृह मंत्रालय का आदेश, जो पहले अगस्त 2024 तक प्रभावी था, अब और भी बढ़ा दिया गया है। इस आदेश के तहत बिश्नोई को सबरमती जेल से कहीं और ट्रांसफर करने पर रोक लगा दी गई है। लॉरेंस बिश्नोई को अगस्त 2023 में दिल्ली के तिहाड़ जेल से सबरमती जेल में शिफ्ट किया गया था। उस पर कई संगीन आरोप हैं, जिनमें पंजाब के सिंगर सिद्धू मूसे वाला की हत्या की जिम्मेदारी भी शामिल है।

बिश्नोई के जेल में होने के बावजूद उसकी गैंग को उसके भाई अनमोल बिश्नोई और विदेश में रह रहे गोल्डी बरार और रोहित गोडार चला रहे हैं। एनआईए की चार्जशीट में इन गैंगस्टरों का नेटवर्क बढ़ने की बात कही गई है, जो 1990 के दशक में दाऊद इब्राहिम की तरह का विस्तार कर रहे हैं।


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आख़िर तक मुख्य संपादक
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