आख़िर तक – एक नज़र में
- महाराष्ट्र की महायुति सरकार में पोर्टफोलियो आवंटन के बाद संरक्षक मंत्री पद के लिए संघर्ष बढ़ा।
- 36 जिलों में संरक्षक मंत्री नियुक्त किए जाते हैं, जो जिला विकास को देखते हैं।
- प्रमुख जिलों जैसे बीड, छत्रपति संभाजीनगर, रायगढ़, नाशिक, और सतारा में संघर्ष अधिक है।
- ठाकरे गुट से एकनाथ शिंदे और पुणे के लिए अजित पवार संरक्षक मंत्री बन सकते हैं।
- बीड में पंकजा मुंडे और धनंजय मुंडे के बीच संघर्ष जारी है।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
महाराष्ट्र में महायुति की सरकार, संरक्षक मंत्री पद पर संघर्ष
महाराष्ट्र में नई महायुति 2.0 सरकार के पोर्टफोलियो आवंटन के बाद वरिष्ठ मंत्रियों के बीच संरक्षक मंत्री पद के लिए तीव्र संघर्ष शुरू हो गया है। महाराष्ट्र के 36 जिलों में से प्रत्येक के लिए एक संरक्षक मंत्री नियुक्त किया जाता है, जो आमतौर पर उसी जिले से होता है। यह मंत्री कैबिनेट स्तर का अधिकारी होता है, जो राज्य सरकार द्वारा जिले के विकास की निगरानी और सुविधाओं का कार्य करता है।
पोर्टफोलियो आवंटन और संघर्ष
राज्य की मंत्रिपरिषद में अब 42 सदस्य शामिल हैं, जिसमें मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उनके दो डिप्टी – एकनाथ शिंदे और अजित पवार शामिल हैं। प्रमुख जिलों जैसे बीड, छत्रपति संभाजीनगर, रायगढ़, नाशिक, और सतारा में संरक्षक मंत्री पद के लिए संघर्ष विशेष रूप से तीव्र है।
प्रमुख जिलों में संरक्षक मंत्री पद के लिए संघर्ष
सूत्रों के अनुसार, एकनाथ शिंदे ठाणे जिले के संरक्षक मंत्री बनने के लिए तैयार हैं, जबकि अजित पवार पुणे जिले की देखरेख करेंगे। बीड में, पंकजा मुंडे और धनंजय मुंडे के बीच संघर्ष प्रमुखता पर है। धनंजय मुंडे, जिन पर मसेजोग सरपंच संतोष देशमुख की हत्या के आरोपी के साथ संबंध रखने का आरोप है, ने अजित पवार के समर्थन से मंत्री पद हासिल किया है।
अन्य जिलों में संघर्ष
रायगढ़ में, भारत गोगावाले और महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे दोनों ही संरक्षक मंत्री पद के लिए संघर्ष कर रहे हैं। छत्रपति संभाजीनगर में, शिवसेना (शिंदे गुट) मंत्री संजय शिरसाट और भाजपा नेता अतुल सावे दोनों ही पद के लिए दावेदार हैं।
याद रखने योग्य बातें
- महायुति की सरकार में संरक्षक मंत्री पद के लिए तीव्र संघर्ष जारी है।
- प्रमुख जिलों में संरक्षक मंत्री पद के लिए कड़े दावेदार हैं।
- यह पद जिलों के विकास और प्रशासनिक कार्यों की निगरानी करता है।
- संरक्षक मंत्री का पद राज्य सरकार और जिला प्रशासन के बीच पुल का कार्य करता है।
- संरक्षक मंत्री जिला योजना और विकास समिति (DPDC) के अध्यक्ष होते हैं।
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