केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि मणिपुर में शांति स्थापना के लिए सरकार मैतई और कुकी समुदायों से वार्ता कर रही है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़ लगाने का काम तेजी से चल रहा है।
शाह ने मोदी सरकार के 3.0 के पहले 100 दिनों की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि भारत-म्यांमार सीमा पर अवैध घुसपैठ रोकने के लिए सरकार ने बाड़ लगाने का काम शुरू किया है। उन्होंने कहा कि मणिपुर में मैतई और कुकी समुदायों के बीच बातचीत आवश्यक है और उम्मीद जताई कि सरकार जल्द ही स्थिति को नियंत्रण में लाएगी।
मणिपुर में 3 मई 2023 से चली आ रही हिंसा में अब तक 220 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। गृह मंत्री ने कहा कि पिछले तीन महीनों में, पिछले सप्ताह के तीन दिनों को छोड़कर, मणिपुर में कोई बड़ी हिंसक घटना नहीं हुई है।
शाह ने बताया कि सरकार ने मणिपुर में शांति स्थापना के लिए रोडमैप तैयार किया है और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) को मणिपुर के रणनीतिक स्थानों पर तैनात कर दिया है। इसके अलावा, उन्होंने जानकारी दी कि मणिपुर में भारत-म्यांमार सीमा पर 30 किमी तक बाड़ लगाने का काम पूरा हो चुका है। यह सीमा मणिपुर में हिंसा का एक प्रमुख कारण रहा है।
भारत-म्यांमार मुक्त आवाजाही व्यवस्था (FMR), जो सीमावर्ती लोगों को बिना दस्तावेजों के एक-दूसरे के क्षेत्रों में 16 किमी तक यात्रा करने की अनुमति देती थी, को भी सरकार ने रद्द कर दिया है। अब लोग केवल वीज़ा के साथ ही एक-दूसरे के क्षेत्रों में जा सकेंगे।
भारत-म्यांमार सीमा की लंबाई 1,643 किमी है और यह मिजोरम, मणिपुर, नागालैंड, और अरुणाचल प्रदेश से होकर गुजरती है। शाह ने बताया कि सरकार ने अलग-अलग उग्रवादी संगठनों के साथ 11 शांति समझौते किए हैं, जिसमें 10,900 लोग मुख्यधारा में शामिल हो चुके हैं। केवल एक संगठन ऐसा बचा है, जिसके साथ वार्ता चल रही है।
अमित शाह ने यह भी बताया कि मणिपुर में 16 नए केंद्रीय पुलिस कल्याण भंडार खोले जा रहे हैं, जो लोगों को उचित मूल्य पर आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध कराएंगे। मणिपुर में पहले से ही 21 केंद्रीय पुलिस कल्याण भंडार संचालित हो रहे हैं। इन भंडारों के माध्यम से लगभग 100 आवश्यक वस्तुएं, जिनमें खाद्यान्न भी शामिल हैं, सभी के लिए उपलब्ध होंगी।
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