भारत का पहला स्वदेशी एंटीबायोटिक नफिथ्रोमाइसिन लॉन्च

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भारत का पहला स्वदेशी एंटीबायोटिक नफिथ्रोमाइसिन लॉन्च

आख़िर तक – एक नज़र में

  1. भारत ने नफिथ्रोमाइसिन नामक पहला स्वदेशी एंटीबायोटिक लॉन्च किया।
  2. यह दवा दवा-प्रतिरोधी निमोनिया के इलाज में प्रभावी होगी।
  3. नफिथ्रोमाइसिन, एजिथ्रोमाइसिन से 10 गुना अधिक प्रभावी है।
  4. यह केवल तीन दिन की एक बार दैनिक खुराक में दिया जाएगा।
  5. दवा को केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) की अंतिम मंजूरी का इंतजार है।

आख़िर तक – विस्तृत समाचार

भारत में दवा-प्रतिरोधी संक्रमणों का समाधान
भारत ने अपना पहला स्वदेशी एंटीबायोटिक नफिथ्रोमाइसिन विकसित किया है। यह दवा विशेष रूप से दवा-प्रतिरोधी सामुदायिक अधिग्रहीत बैक्टीरियल निमोनिया (CABP) के इलाज के लिए बनाई गई है।

नफिथ्रोमाइसिन की विशेषताएं
नफिथ्रोमाइसिन एक नया सेमी-सिंथेटिक मैक्रोलाइड एंटीबायोटिक है। यह एजिथ्रोमाइसिन की तुलना में 10 गुना अधिक प्रभावी है और फेफड़ों में आठ गुना अधिक पहुंच प्रदान करता है। तीन दिनों तक एक बार दैनिक खुराक देने से यह रोगियों के लिए सुविधाजनक होगा।

महत्वपूर्ण वैज्ञानिक उपलब्धि
14 वर्षों के शोध और 500 करोड़ रुपये के निवेश से विकसित इस दवा को मुंबई स्थित वॉकहार्ट कंपनी द्वारा “मिकनाफ” नाम से वितरित किया जाएगा। क्लिनिकल ट्रायल्स में 96.7% की उच्च उपचार दर दिखाई दी है।

चुनौतियाँ और सावधानियाँ
विशेषज्ञों ने नफिथ्रोमाइसिन के संभावित दुरुपयोग पर चिंता जताई है। उचित उपयोग सुनिश्चित करने के लिए सतत निगरानी और दिशानिर्देशों का पालन आवश्यक होगा।


आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें

  • नफिथ्रोमाइसिन भारत का पहला स्वदेशी एंटीबायोटिक है।
  • यह दवा-प्रतिरोधी निमोनिया के इलाज में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी।
  • उचित उपयोग और सावधानी से इसके दीर्घकालिक प्रभाव सुनिश्चित किए जा सकते हैं।

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आख़िर तक मुख्य संपादक
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