उड़ीसा में पुलिस हिरासत के दौरान एक महिला के यौन उत्पीड़न और उसके सेना अधिकारी मंगेतर के अवैध रूप से लॉकअप में बंद किए जाने का मामला सामने आया है। यह घटना देशभर में उग्र प्रतिक्रिया का कारण बनी है। पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह (सेवानिवृत्त) और अन्य पूर्व सैनिकों ने इस घटना को “शर्मनाक और भयावह” बताया है। दूसरी ओर, कुछ सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारियों ने दंपत्ति के व्यवहार पर सवाल उठाए हैं, यह दावा करते हुए कि वे नशे में थे।
इस मामले की शुरुआत तब हुई जब सेना अधिकारी और उनकी मंगेतर सड़क विवाद के संबंध में शिकायत दर्ज कराने भारतपुर पुलिस स्टेशन गए थे। महिला ने आरोप लगाया कि उसे पुलिस स्टेशन में पीटा गया और यौन उत्पीड़न किया गया। वहीं, पुलिस ने सेना अधिकारी को अवैध रूप से लॉकअप में बंद कर दिया। इस घटना के बाद पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।
सेना का पक्ष:
पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह ने पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनके अनुसार, जो पुलिसकर्मी “वर्दी में अपराधी” हैं, उनके खिलाफ तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने ट्वीट किया, “उड़ीसा के भारतपुर पुलिस स्टेशन में सेना अधिकारी की मंगेतर के साथ जो कुछ भी हुआ वह शर्मनाक और भयावह है। मुख्यमंत्री को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।”
पुलिस का पक्ष:
दूसरी ओर, पूर्व सीबीआई निदेशक एम नागेश्वर राव और उड़ीसा के सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारियों ने सेना अधिकारी के शराब पीकर गाड़ी चलाने और झगड़ा करने के व्यवहार पर सवाल उठाए हैं। उनका दावा है कि पुलिस ने नियमों के अनुसार ही काम किया। उन्होंने कहा कि “सेना अधिकारी और उसकी मंगेतर ने चिकित्सा परीक्षण कराने से इनकार कर दिया।”
इस मामले ने सेना और पुलिस के बीच सोशल मीडिया पर एक बड़े विवाद को जन्म दिया है। सेना के कई वरिष्ठ अधिकारियों ने पुलिस के खिलाफ नाराजगी जाहिर की है, जबकि पुलिस अधिकारी नियमों के पालन का दावा कर रहे हैं।
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