आख़िर तक – In Shorts
- खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू द्वारा कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को भारत के उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा को निष्कासित करने की मांग करते हुए पुराना पत्र सामने आया।
- पन्नू के नेतृत्व वाले सिख्स फॉर जस्टिस ने खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर को “शांतिप्रिय” और “कानून का पालन करने वाला कनाडाई नागरिक” बताया।
- इस खुलासे ने भारत और कनाडा के बीच गहराते कूटनीतिक विवाद को और भी जटिल कर दिया है, जिसमें कनाडा ने वर्मा समेत कुछ भारतीय राजनयिकों को ‘जांच में रुचि रखने वाले व्यक्ति’ बताया है।
आख़िर तक – In Depth
खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू के नेतृत्व वाले सिख्स फॉर जस्टिस द्वारा कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को लिखे गए एक पुराने पत्र ने एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। इस पत्र में पन्नू ने हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में भारत के उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा को निष्कासित करने की मांग की थी। पन्नू ने निज्जर को एक “शांतिप्रिय” और “कानून का पालन करने वाला कनाडाई नागरिक” बताया, जबकि भारत ने इस दावे का खंडन किया है और निज्जर को एक आतंकवादी घोषित किया हुआ है।
यह खुलासा तब सामने आया है जब भारत और कनाडा के बीच राजनयिक विवाद गहरा रहा है। प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया। कनाडा सरकार ने वर्मा समेत कुछ अन्य भारतीय राजनयिकों को ‘जांच में रुचि रखने वाले व्यक्ति’ घोषित किया, जिससे विवाद और जटिल हो गया है। भारत ने कनाडा के इन आरोपों को खारिज कर दिया है और कहा है कि उनके पास कोई ठोस सबूत नहीं है।
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