आखिर तक – शॉर्ट्स में
- राहुल गांधी ने नए प्रकार के एकाधिकारियों पर निशाना साधते हुए कहा कि ये समूह भारत के संस्थानों और नियामकों पर नियंत्रण कर रहे हैं।
- उन्होंने कहा कि इन “मोनोपोलिस्ट” के कारण लाखों व्यवसाय बंद हो गए हैं, जिससे नौकरियां उत्पन्न करना मुश्किल हो गया है।
- उन्होंने महिंद्रा, टाइटन, लेंसकार्ट जैसी कंपनियों को सकारात्मक उदाहरण बताया जो नियमों का पालन करती हैं।
आखिर तक – विस्तृत खबर में
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि एक नया प्रकार के एकाधिकारियों के उदय ने लाखों व्यवसायों का सफाया कर दिया है, जिससे रोजगार उत्पन्न करना कठिन हो गया है। राहुल गांधी ने इंडियन एक्सप्रेस में एक संपादकीय में कहा कि ये “मोनोपोलिस्ट” भारत के शासकीय संस्थानों और नियामकों पर नियंत्रण रखते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इन समूहों का मुख्य कौशल उत्पादों, उपभोक्ताओं या विचारों में नहीं है, बल्कि भारत के संस्थानों और निगरानी प्रणाली पर नियंत्रण में है।
राहुल गांधी के अनुसार, यह समूह यह तय करता है कि भारतीय क्या पढ़ते हैं और क्या देखते हैं, और कैसे सोचते हैं और क्या बोलते हैं। उन्होंने कहा, “आज सफलता बाजार की ताकतों से नहीं बल्कि सत्ता के संबंधों से तय होती है।”
गांधी ने महिंद्रा, टाइटन, लेंसकार्ट, मेन्यवर, और जोमैटो जैसी कंपनियों का उदाहरण दिया, जो इन एकाधिकारियों के खिलाफ नियमों का पालन करती हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को किसी एक व्यवसाय का समर्थन करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
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