आख़िर तक – एक नज़र में
कलकत्ता हाई कोर्ट ने RG कर रेप-हत्या मामले में दोषी संजय रॉय की आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा है। कोर्ट ने बंगाल सरकार की याचिका खारिज कर दी है। यह याचिका निचली अदालत द्वारा सुनाई गई सजा को चुनौती देने के लिए दायर की गई थी। हाई कोर्ट अब सीबीआई की उसी याचिका पर सुनवाई करेगा। यह फैसला पीड़िता के परिवार के लिए एक बड़ी राहत है।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
कलकत्ता हाई कोर्ट ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल सरकार की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें RG कर रेप-हत्या के दोषी संजय रॉय को निचली अदालत द्वारा सुनाई गई आजीवन कारावास की सजा को चुनौती दी गई थी। हाई कोर्ट ने हालांकि, CBI की उसी याचिका पर सुनवाई करने का फैसला किया है।
कोर्ट का यह फैसला राज्य सरकार के लिए एक बड़ा झटका है, जिसने दोषी को कम सजा देने की मांग की थी। वहीं, पीड़िता के परिवार के लिए यह एक बड़ी राहत है, जिन्होंने दोषी को सख्त सजा देने की मांग की थी।
यह मामला 2012 का है, जब RG कर मेडिकल कॉलेज में एक छात्रा के साथ रेप करने के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी। इस मामले में संजय रॉय को दोषी पाया गया था और उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।
राज्य सरकार ने इस सजा को चुनौती देते हुए कहा था कि रॉय मानसिक रूप से अस्वस्थ है और उसे कम सजा दी जानी चाहिए। लेकिन हाई कोर्ट ने सरकार की इस दलील को खारिज कर दिया।
हाई कोर्ट ने कहा कि रॉय ने एक जघन्य अपराध किया है और उसे सजा मिलनी चाहिए। कोर्ट ने CBI की याचिका पर सुनवाई करने का फैसला किया है, जिसमें इस मामले की फिर से जांच की मांग की गई है।
CBI का कहना है कि इस मामले में कुछ और लोग भी शामिल हो सकते हैं और उन्हें भी गिरफ्तार किया जाना चाहिए। हाई कोर्ट अब इस याचिका पर सुनवाई करेगा और तय करेगा कि क्या इस मामले की फिर से जांच की जानी चाहिए या नहीं।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
कलकत्ता हाई कोर्ट ने RG कर रेप-हत्या के दोषी संजय रॉय की आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा है। कोर्ट ने बंगाल सरकार की याचिका खारिज कर दी है। हाई कोर्ट अब CBI की उसी याचिका पर सुनवाई करेगा।
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