सेबी प्रमुख माधबी बुच पर हितों के टकराव का आरोप

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कांग्रेस ने सेबी की अध्यक्ष माधबी पुरी बुच पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें हितों के टकराव का मामला सामने आया है। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने आरोप लगाया कि माधबी बुच ने 2018-19 से अपनी मुंबई स्थित संपत्ति को कैरल इंफो सर्विसेज लिमिटेड को किराए पर दिया था। यह कंपनी वॉकहार्ट लिमिटेड से जुड़ी हुई है, जो फिलहाल सेबी की जांच के दायरे में है।

खेड़ा ने बताया कि 2018-19 में बुच को ₹7 लाख किराए के रूप में मिले थे, जो 2023-24 में बढ़कर ₹46,05,000 हो गए। इस अवधि के दौरान बुच को कुल ₹2.16 करोड़ की आय प्राप्त हुई। खेड़ा ने यह भी बताया कि कैरल इंफो सर्विसेज लिमिटेड और वॉकहार्ट लिमिटेड के प्रमोटर समान हैं, जिससे हितों के टकराव की संभावना पैदा होती है।

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खेड़ा ने कहा, “यह सिर्फ हितों का टकराव नहीं, बल्कि सीधे तौर पर भ्रष्टाचार है। क्या यह नैतिक है, क्या यह कानूनी है?” खेड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में सवाल उठाया। इन आरोपों के सामने आने से सेबी के चेयरपर्सन पर उठ रहे सवाल और भी गंभीर हो गए हैं।

यह आरोप उस समय आए हैं जब कांग्रेस ने पहले ही माधबी बुच पर आईसीआईसीआई बैंक में लाभ के पद पर रहने का आरोप लगाया था। कांग्रेस ने दावा किया कि 2017 से 2024 के बीच बुच को ₹16.80 करोड़ की आय हुई थी। आईसीआईसीआई बैंक ने हालांकि इन आरोपों को खारिज किया है, लेकिन बुच की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

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इस बीच, कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल के नेतृत्व वाली संसद की लोक लेखा समिति (PAC) माधबी बुच को प्रदर्शन समीक्षा के लिए समन कर सकती है। इस विवाद ने सेबी प्रमुख की साख और देश के नियामक शासन की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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