शिमला कोर्ट ने संजौली मस्जिद के तीन मंजिला हिस्से को ध्वस्त करने का आदेश दिया
शिमला में संजौली मस्जिद के अवैध हिस्से को ध्वस्त करने के लिए हिमाचल प्रदेश की एक अदालत ने आदेश दिया है। शिमला नगर निगम (एमसी) अदालत ने संजौली मस्जिद समिति को ढांचे को हटाने के लिए दो महीने का समय दिया है।
मस्जिद का विवाद तब सुर्खियों में आया जब विभिन्न संगठनों ने इसे अवैध घोषित किया, जिसके बाद हिंदू संगठनों द्वारा विरोध प्रदर्शन शुरू हुए।
अदालत ने स्थानीय निवासियों की याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्हें इस मुद्दे पर पक्ष बनाने की मांग की गई थी। मस्जिद समिति के सदस्य ही मस्जिद को ध्वस्त करने की लागत वहन करेंगे।
मुस्लिम वक्फ बोर्ड के वकील बीएस ठाकुर ने कहा, “अदालत ने मस्जिद समिति के उस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है जिसमें उन्होंने मस्जिद के तय सीमा से बाहर बने हिस्से को हटाने की बात कही थी।”
उन्होंने यह भी बताया कि अदालत ने समिति के सदस्यों को यह काम अपने खर्च पर दो महीने के भीतर करने का आदेश दिया है। ठाकुर ने जोर देकर कहा, “आज का निर्णय एक अंतरिम आदेश है। अंतिम निर्णय आना अभी बाकी है।” मामले की अगली सुनवाई 21 दिसंबर को तय की गई है।
संजौली मस्जिद के आसपास का तनाव 11 सितंबर को उस समय बढ़ गया जब मस्जिद के कुछ हिस्से को ध्वस्त करने की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों के हिंसक हो जाने से दस लोग घायल हो गए थे। दो दिन बाद मंडी में भी इसी तरह के विरोध प्रदर्शन हुए, जिसमें अधिकारियों को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारों का इस्तेमाल करना पड़ा। इन प्रदर्शनों से स्थानीय अधिकारियों पर दबाव बढ़ गया है कि वे शीघ्र कार्रवाई करें।
Discover more from पाएं देश और दुनिया की ताजा खबरें
Subscribe to get the latest posts sent to your email.