आख़िर तक – एक नज़र में
- महाराष्ट्र में शपथ समारोह के दौरान एकनाथ शिंदे ने स्क्रिप्ट से हटकर भाषण दिया।
- शिंदे ने पीएम मोदी और महाराष्ट्र के लोगों की प्रशंसा की।
- शपथ ग्रहण के दौरान स्क्रिप्ट का पालन अनिवार्य होता है।
- राज्यपाल ने शिंदे को शपथ प्रक्रिया में वापस लाया।
- मंच पर कई नेता असहज नज़र आए।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
स्क्रिप्ट से हटकर भाषण का घटनाक्रम
महाराष्ट्र के शपथ ग्रहण समारोह में, शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने प्रोटोकॉल तोड़ते हुए भाषण दिया। उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी, अमित शाह और महाराष्ट्र के लोगों की प्रशंसा की। यह घटना तब हुई जब राज्यपाल शपथ दिला रहे थे।
संवैधानिक प्रक्रिया का महत्व
संविधान के अनुसार, शपथ ग्रहण समारोह में केवल निर्धारित स्क्रिप्ट का पालन करना अनिवार्य है। किसी भी अतिरिक्त शब्द को जोड़ने या हटाने से शपथ अमान्य हो सकती है। संवैधानिक विशेषज्ञ पीडीटी आचार्य ने बताया कि शपथ का स्वरूप संविधान की तीसरी अनुसूची में निर्धारित है।
मंच पर नेताओं की प्रतिक्रिया
जब शिंदे ने भाषण देना शुरू किया, मंच पर मौजूद नेता असहज दिखे। मंच पर बीजेपी के मुख्यमंत्री और एनडीए के कई नेता मौजूद थे। राज्यपाल ने शिंदे को रोका और उन्हें शपथ दोबारा शुरू करने को कहा।
आगे की प्रक्रिया और प्रोटोकॉल
हालांकि शिंदे की शपथ अमान्य नहीं हुई, लेकिन उन्होंने प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया। शपथ ग्रहण समारोह एक गंभीर अवसर होता है, और इससे हटकर कुछ भी कहना रिकॉर्ड पर नहीं जाता।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
- शिंदे का शपथ समारोह में ऑफ-स्क्रिप्ट भाषण।
- संविधान में निर्धारित शपथ प्रक्रिया।
- मंच पर नेताओं की असहजता।
- राज्यपाल का हस्तक्षेप।
Discover more from पाएं देश और दुनिया की ताजा खबरें
Subscribe to get the latest posts sent to your email.