अक्टूबर 1 से शेयर बाजार में बदलाव

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अक्टूबर 1 से शेयर बाजार में बदलाव

अक्टूबर 1 से शेयर बाजार में बदलाव: निवेशकों को क्या जानना चाहिए

शेयर बाजार में 1 अक्टूबर से तीन महत्वपूर्ण बदलाव लागू हो रहे हैं। ये बदलाव निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण हैं, ताकि वे संभावित चुनौतियों का सामना कर सकें और नए अवसरों का लाभ उठा सकें। इनमें शामिल हैं लेनदेन शुल्क में संशोधन, प्रतिभूति लेनदेन कर (STT) में वृद्धि, और शेयर बायबैक पर नए कराधान नियम।

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लेनदेन शुल्क में संशोधन
1 अक्टूबर से, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) नकद, वायदा और विकल्प ट्रेडिंग के लिए नए लेनदेन शुल्क लागू करेंगे। यह बदलाव भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के निर्देश पर किया गया है। उदाहरण के लिए, BSE ने सेंसक्स और बैंकेक्स विकल्प अनुबंधों के लिए लेनदेन शुल्क को 3,250 रुपये प्रति करोड़ प्रीमियम टर्नओवर पर समायोजित किया है।

NSE पर, नकद बाजार में लेनदेन शुल्क 2.97 रुपये प्रति लाख व्यापार मूल्य निर्धारित किया गया है। जबकि इक्विटी विकल्पों पर 35.03 रुपये प्रति लाख प्रीमियम मूल्य का शुल्क लगेगा।

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Securities Transaction Tax (STT) में वृद्धि
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस वर्ष वायदा और विकल्प ट्रेडिंग पर STT में वृद्धि की घोषणा की थी। 1 अक्टूबर से, वायदों पर STT 0.0125% से बढ़कर 0.02% हो जाएगा। विकल्प ट्रेडिंग पर यह 0.0625% से बढ़कर 0.1% हो जाएगा।

विश्लेषकों का कहना है कि यह वृद्धि बाजार में व्यापारिक मात्रा को कम कर सकती है, जो एक्सचेंजों और SEBI के लिए राजस्व पर प्रभाव डाल सकती है।

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शेयर बायबैक पर नए कराधान नियम
एक और महत्वपूर्ण बदलाव यह है कि अब शेयर बायबैक से होने वाली आय को डिविडेंड आय के रूप में देखा जाएगा। यह बदलाव 1 अक्टूबर से लागू होगा। इसका मतलब यह है कि जब कंपनियां अपने शेयरों को वापस खरीदेंगी, तो शेयरधारकों पर उनके लागू आयकर स्लैब के अनुसार कर लगेगा।

इस परिवर्तन का उद्देश्य कंपनियों को अधिक लचीलापन प्रदान करना है, ताकि वे अपने फंड का उपयोग विकास पहलों में कर सकें।


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