सुखबीर बादल को धार्मिक कदाचार पर स्वर्ण मंदिर की सफाई का आदेश

आख़िर तक
2 Min Read
अमृतसर में सुखबीर सिंह बादल पर आतंकी हमला

आख़िर तक – एक नज़र में

  1. सुखबीर बादल को धार्मिक कदाचार के लिए स्वर्ण मंदिर में सेवा करने का आदेश मिला।
  2. अकाल तख्त ने 2015 में गुरमीत राम रहीम को माफी देने पर यह सजा दी है।
  3. सुखबीर बादल और उनके मंत्रिमंडल को स्वर्ण मंदिर में शौचालय और रसोई की सफाई करनी होगी।
  4. शिरोमणि अकाली दल को बादल के इस्तीफे पर तीन दिनों में फैसला लेना होगा।
  5. अकाल तख्त ने प्रकाश सिंह बादल से “फ़ख़्र-ए-क़ौम” का खिताब भी वापस ले लिया है।

आख़िर तक – विस्तृत समाचार

धार्मिक कदाचार पर सजा
अकाल तख्त ने पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल को धार्मिक कदाचार का दोषी ठहराते हुए स्वर्ण मंदिर की सफाई करने की सजा सुनाई है। यह आदेश 2015 में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को दी गई माफी के फैसले के कारण आया है।

सेवा का आदेश
सुखबीर बादल और उनके 2015 के मंत्रिमंडल को स्वर्ण मंदिर में शौचालय, रसोई और अन्य स्थानों की सफाई करनी होगी। अकाल तख्त जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह और अन्य चार उच्च पुजारियों ने यह सजा तय की।

- विज्ञापन -

राजनीतिक दबाव और विवाद
गुरमीत राम रहीम को माफी देने का फैसला सिख समुदाय में काफी विवादित रहा है। अकाल तख्त ने बादल को ‘तनखैया’ घोषित किया और उनसे पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की मांग की है।

प्रकाश सिंह बादल से सम्मान वापस
सुखबीर बादल के पिता, स्वर्गीय प्रकाश सिंह बादल को दिया गया “फ़ख़्र-ए-क़ौम” खिताब भी अकाल तख्त ने वापस ले लिया। यह कदम अकाली दल के राजनीतिक फैसलों के विरोध में लिया गया है।

- विज्ञापन -

आगे की कार्रवाई
शिरोमणि अकाली दल को तीन दिनों में सुखबीर बादल का इस्तीफा स्वीकार करना होगा। अकाल तख्त के आदेश के अनुसार, पार्टी को इसकी रिपोर्ट भी देनी होगी।


आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें

  • सुखबीर बादल को स्वर्ण मंदिर में सेवा की सजा।
  • गुरमीत राम रहीम को माफी देने पर धार्मिक कदाचार का दोष।
  • पार्टी से तीन दिनों में इस्तीफा स्वीकार करने का निर्देश।

Discover more from पाएं देश और दुनिया की ताजा खबरें

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

author avatar
आख़िर तक मुख्य संपादक
Share This Article
कोई टिप्पणी नहीं

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों का भविष्य स्मार्टफोन की जासूसी से बचें