आख़िर तक – एक नज़र में
- पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने तमिलनाडु फंड आवंटन पर पीएम मोदी के दावों को खारिज किया है।
- चिदंबरम ने कहा कि फंड में वार्षिक वृद्धि सामान्य है, यह कोई विशेष उपलब्धि नहीं।
- उन्होंने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि यह बात प्रथम वर्ष का आर्थिक छात्र भी जानता है।
- पीएम मोदी ने रामेश्वरम में कहा था कि एनडीए ने तमिलनाडु को तीन गुना अधिक फंड आवंटन किया।
- तमिलनाडु की डीएमके सरकार लगातार केंद्र सरकार पर फंड रोकने का आरोप लगा रही है।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
तमिलनाडु फंड पर चिदंबरम और मोदी आमने-सामने
तमिलनाडु फंड आवंटन को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के बीच तकरार तेज हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दावों पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने तीखा पलटवार किया है। चिदंबरम ने पीएम मोदी के दावों को भ्रामक बताते हुए खारिज कर दिया। उन्होंने तर्क दिया कि फंड आवंटन में ऐसी वार्षिक वृद्धि एक सामान्य प्रक्रिया है। यह कोई बड़ी बात नहीं है।
पीएम मोदी का दावा: तीन गुना फंड
प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को तमिलनाडु के रामेश्वरम में एक जनसभा को संबोधित किया था। उन्होंने कहा कि एनडीए के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने 2014 के बाद तमिलनाडु के विकास के लिए तीन गुना अधिक धनराशि आवंटित की है। उन्होंने डीएमके के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के फंड रोकने के आरोपों का खंडन किया। पीएम ने रेलवे, सड़क परियोजनाओं और केंद्रीय योजनाओं के लिए आवंटन में कई गुना वृद्धि पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु को बढ़े हुए आवंटन के बावजूद, कुछ लोग फंड को लेकर “रोते” हैं। पीएम मोदी ने कहा, “2014 से पहले, सालाना केवल 900 करोड़ रुपये आवंटित किए जाते थे। आप जानते हैं कि तब इंडी गठबंधन में कौन फैसले ले रहा था।” उन्होंने आगे कहा, “इस साल, तमिलनाडु का रेल बजट 6,000 करोड़ रुपये को पार कर गया है।” पीएम ने यह भी उल्लेख किया कि केंद्र सरकार 77 रेलवे स्टेशनों का आधुनिकीकरण कर रही है। उन्होंने कहा, “पिछले 10 वर्षों में, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत, गाँव की सड़कों और राजमार्गों पर बहुत काम हुआ है। 2014 के बाद, केंद्र सरकार की मदद से, तमिलनाडु में लगभग 4000 किलोमीटर सड़कें बनाई गई हैं।” प्रधानमंत्री ने रामेश्वरम में नए पंबन ब्रिज सहित 8,300 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन भी किया।
चिदंबरम का पलटवार: ‘अर्थशास्त्र छात्र से पूछें’
पी चिदंबरम ने पीएम मोदी के दावों पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि समय के साथ वार्षिक आवंटन में वृद्धि होना सामान्य बात है। उन्होंने तर्क दिया कि वास्तव में मायने यह रखता है कि क्या आवंटन जीडीपी या समग्र सरकारी व्यय के अनुपात के रूप में बढ़ा है। चिदंबरम ने ट्वीट किया, “माननीय पीएम और केंद्रीय मंत्री लगातार कहते हैं कि उन्होंने 2014-24 में तमिलनाडु को 2004-14 की तुलना में अधिक पैसा दिया है। उदाहरण के लिए, माननीय पीएम ने कहा कि उनकी सरकार ने तमिलनाडु में रेलवे परियोजनाओं के लिए पहले की तुलना में सात गुना अधिक पैसा दिया है।” उन्होंने आगे तंज कसते हुए कहा, “अर्थशास्त्र के प्रथम वर्ष के छात्र से पूछें। वह आपको बताएगी कि ‘आर्थिक मीट्रिक’ हमेशा पिछले वर्षों की तुलना में अधिक होगा।”
चिदंबरम ने समझाया, “जीडीपी का आकार अब पहले से बड़ा है। केंद्रीय बजट का आकार हर साल पिछले साल की तुलना में बड़ा होता है। सरकार का कुल व्यय हर साल पिछले साल की तुलना में बड़ा होता है। आप पिछले साल की तुलना में एक साल बड़े हैं। ‘संख्याओं’ के संदर्भ में, संख्या बड़ी होगी, लेकिन क्या यह जीडीपी के अनुपात या कुल व्यय के अनुपात के मामले में अधिक है?” उनका इशारा था कि केवल बड़ी संख्या दिखाना भ्रामक है। यह तमिलनाडु फंड पर एक महत्वपूर्ण दृष्टिकोण है।
डीएमके के आरोप और केंद्र-राज्य तकरार
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने बार-बार केंद्र सरकार पर राज्य को उसकी नीतियों का विरोध करने के लिए दंडित करने हेतु तमिलनाडु फंड रोकने का आरोप लगाया है। हाल ही में, डीएमके सरकार ने आरोप लगाया था कि नई शिक्षा नीति (NEP) के विरोध के प्रतिशोध में केंद्र द्वारा 2,000 करोड़ रुपये से अधिक रोक लिए गए थे। पीएम मोदी का रविवार का भाषण इन्हीं आरोपों का जवाब देने का प्रयास था। लेकिन चिदंबरम की प्रतिक्रिया ने तमिलनाडु फंड पर बहस को और तेज कर दिया है। यह केंद्र और राज्य के बीच वित्तीय संबंधों में तनाव को दर्शाता है।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
- पी चिदंबरम ने तमिलनाडु फंड आवंटन में वृद्धि के पीएम मोदी के दावों को सामान्य वार्षिक वृद्धि बताकर खारिज किया।
- उन्होंने कहा कि आवंटन को जीडीपी या कुल व्यय के अनुपात में देखना चाहिए, न कि केवल निरपेक्ष संख्या में।
- चिदंबरम ने तंज कसा कि यह सामान्य ज्ञान की बात है, जिसे प्रथम वर्ष का आर्थिक छात्र भी समझता है।
- पीएम मोदी ने रामेश्वरम में दावा किया था कि एनडीए ने यूपीए की तुलना में तीन गुना अधिक फंड दिया।
- डीएमके सरकार केंद्र सरकार पर राजनीतिक कारणों से फंड आवंटन रोकने का आरोप लगाती रही है।
Discover more from पाएं देश और दुनिया की ताजा खबरें
Subscribe to get the latest posts sent to your email.