परिचय
केरल में एक 14 वर्षीय लड़के की निपाह वायरस से मौत हो गई। यह दुखद घटना, परीक्षण के एक दिन बाद ही, समुदाय को हिला कर रख दिया है और पिछले प्रकोपों की यादें ताजा कर दी हैं। इस लेख में इस घटना का विवरण, केरल में निपाह वायरस की वर्तमान स्थिति, और आगे के फैलाव को रोकने के उपायों पर चर्चा की गई है।
दुखद घटना
रविवार को, केरल के मलप्पुरम जिले के 14 वर्षीय लड़के की मौत हो गई। यह घटना एक दिन बाद हुई जब उसे निपाह वायरस पॉजिटिव पाया गया। निपाह वायरस एक दुर्लभ और घातक वायरस है जिसने राज्य में पहले भी प्रकोप पैदा किए हैं। केरल की स्वास्थ्य मंत्री, वीना जॉर्ज के अनुसार, लड़के की स्थिति तेजी से बिगड़ गई, बावजूद इसके कि वह वेंटिलेटर सपोर्ट पर था।
स्वास्थ्य मंत्री का बयान
स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने लड़के की मौत की पुष्टि की और उसकी स्थिति के बारे में विवरण साझा किया। “वह वेंटिलेटर सपोर्ट पर था। आज सुबह उसकी यूरिन आउटपुट कम हो गई थी। एक बड़े हृदयाघात के बाद, पुनर्जीवित करने के प्रयास असफल रहे और वह सुबह 11.30 बजे गुजर गया,” जॉर्ज ने कहा। मेडिकल प्रोटोकॉल के अनुसार अंतिम संस्कार किया जाएगा ताकि आगे संक्रमण का खतरा न हो।
केरल में वर्तमान स्थिति
राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने चार व्यक्तियों को उच्च जोखिम श्रेणी में रखा है जिन्होंने निपाह वायरस पॉजिटिव पाया है। ये व्यक्ति मंजीरी मेडिकल कॉलेज में इलाज कर रहे हैं। वर्तमान प्रकोप का केंद्र मलप्पुरम जिले के पांडिक्कद में स्थित है।
जनता के लिए सलाह
स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने जनता, विशेषकर एपिसेंटर के पास के लोगों के लिए एक सलाह जारी की। उन्होंने लोगों से सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनने और अस्पतालों में मरीजों से मिलने से बचने का आग्रह किया। इसके अलावा, सलाह में उन फलों से बचने का महत्व बताया गया जो पक्षियों या जानवरों द्वारा आधे खाए गए हों और फलों को अच्छी तरह से धोने के बाद ही खाने की सलाह दी। खुले कंटेनरों में रखे पेय पदार्थों के सेवन से भी बचने की सलाह दी गई।
सरकारी उपाय
प्रकोप के जवाब में, केरल राज्य सरकार ने निपाह वायरस के और फैलाव को रोकने के उद्देश्य से एक विशेष कार्य योजना तैयार करने की घोषणा की है। इस योजना में वायरस के प्रसार को नियंत्रित करने और स्वास्थ्य संकट को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के उपाय शामिल हैं।
केरल में निपाह वायरस का इतिहास
केरल ने पहले भी निपाह वायरस के प्रकोपों का सामना किया है, जिसमें कोझिकोड जिले में 2018, 2021 और 2023 में, और एर्नाकुलम जिले में 2019 में मामले सामने आए। कोझिकोड, वायनाड, इडुक्की, मलप्पुरम और एर्नाकुलम जिलों में चमगादड़ों में निपाह वायरस एंटीबॉडी की उपस्थिति दर्ज की गई है, जिससे प्रकोप का जोखिम बना रहता है।
निष्कर्ष
केरल में 14 वर्षीय लड़के की मौत निपाह वायरस द्वारा उत्पन्न खतरे को उजागर करती है। राज्य सरकार और स्वास्थ्य अधिकारी सख्त उपाय कर रहे हैं ताकि फैलाव को नियंत्रित किया जा सके और आगे की जान-माल की हानि को रोका जा सके। जनता का सहयोग और स्वास्थ्य सलाह का पालन इस घातक वायरस से लड़ने में महत्वपूर्ण है।
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