आख़िर तक – इन शॉर्ट्स:
- दो कनाडाई गैंगस्टरों ने रिपुदमन सिंह मलिक की हत्या की साजिश में शामिल होने और हर्डीप सिंह निज्जर के मामले में प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की साजिश का खुलासा किया।
- मलिक और निज्जर के बीच गहरा दुश्मनी थी, और निज्जर की हत्या मलिक की हत्या का बदला मानी जा रही है।
- मलिक ने 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना की थी, जो खालिस्तानी गुटों को नागवार गुज़रा, और इसके बाद निज्जर से उनका टकराव और बढ़ गया।
आख़िर तक – इन डिटेल:
कनाडा में दो गैंगस्टर, टेनर फॉक्स और जोस लोपेज़, ने ब्रिटिश कोलंबिया सुप्रीम कोर्ट में रिपुदमन सिंह मलिक की हत्या के लिए दोषी करार दिया। इस खुलासे से प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की भारत के खिलाफ खेल का पर्दाफाश हुआ, जिसमें उन्होंने हर्डीप सिंह निज्जर की हत्या के पीछे भारत का हाथ बताया था। हालांकि, दोनों गैंगस्टर भारतीय मूल के नहीं थे, और जांचकर्ताओं का कहना है कि उन्हें भारतीय राजनयिकों द्वारा प्रत्यक्ष रूप से कोई अनुबंध नहीं दिया गया था।
रिपुदमन सिंह मलिक, जिन्हें 2005 में कानिष्क बम विस्फोट मामले में बरी कर दिया गया था, ने 2022 में प्रधानमंत्री मोदी की सराहना करते हुए एक पत्र लिखा था। उनके इस कदम ने खालिस्तानी गुटों को नाराज़ किया, विशेष रूप से निज्जर और उनके सहयोगी मोनिंदर सिंह बॉयल को। मलिक और निज्जर के बीच विवाद के कारणों में श्री गुरु ग्रंथ साहिब के प्रिंटिंग अधिकारों पर भी संघर्ष था, जिसके चलते निज्जर ने मलिक पर धर्मद्रोह के आरोप लगाए थे।
मलिक की हत्या के बाद, कनाडाई जांच एजेंसियों ने शुरू में निज्जर की हत्या को बदले की कार्रवाई माना था। हालांकि, भारतीय अधिकारियों ने कनाडा सरकार से पंजाबी गैंगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की थी, लेकिन कनाडा ने इसे नज़रअंदाज़ किया। निज्जर की हत्या के आरोपों पर ट्रूडो की सरकार के पास ठोस सबूत नहीं थे, और आरसीएमपी (कनाडा की रॉयल माउंटेड पुलिस) ने भी अब तक कोई ठोस साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया है।
मलिक की हत्या के दोषियों की गिरफ्तारी से यह साफ हो गया कि खालिस्तानी गुटों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है, और ट्रूडो की राजनीति ने भारत को गलत तरीके से निशाना बनाया। अब कनाडा की एजेंसियों को निष्पक्ष जांच करनी चाहिए और सच्चाई सामने लानी चाहिए।
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