आख़िर तक – एक नज़र में
- पटौदी परिवार की भोपाल में ₹15,000 करोड़ की संपत्ति विवाद का सामना कर रही है।
- एमपी हाई कोर्ट ने इन संपत्तियों पर लगी रोक हटा दी है।
- संपत्ति एनिमी प्रॉपर्टी एक्ट, 1968 के तहत केंद्र सरकार के अधीन आ सकती है।
- हाई कोर्ट ने पटौदी परिवार को 30 दिनों में पक्ष रखने के लिए कहा था।
- स्थिति अस्पष्ट होने पर प्रशासन ने कोई टिप्पणी नहीं की।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
हाई कोर्ट का फैसला और संपत्ति का भविष्य
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने पटौदी परिवार की ₹15,000 करोड़ मूल्य की संपत्तियों पर लगी रोक हटा दी है। इन संपत्तियों में कोहेफिज़ा का फ्लैग हाउस, अहमदाबाद पैलेस और रायसेन की किलों जैसी अहम प्रॉपर्टीज शामिल हैं। कोर्ट ने पटौदी परिवार को दिसंबर 2024 में 30 दिनों में अपीलीय प्राधिकरण के सामने अपना पक्ष रखने का आदेश दिया।
एनिमी प्रॉपर्टी एक्ट, 1968 क्या है?
यह कानून उन संपत्तियों पर लागू होता है जिनके मालिक पाकिस्तान या अन्य दुश्मन देश में जा चुके हैं। 1947 के विभाजन के बाद पटौदी परिवार की जमीन के एक हिस्से को इस एक्ट के तहत सूचीबद्ध किया गया।
संपत्ति विवाद की पृष्ठभूमि
पटौदी परिवार ने इन संपत्तियों पर अपना हक जताया था। इन संपत्तियों का स्वामित्व नवाब हमीदुल्लाह खान से उनकी बेटी साजिदा सुल्तान और फिर उनके पोते सैफ अली खान को विरासत में मिला। हालांकि, नवाब की बड़ी बेटी अबीदा सुल्तान के पाकिस्तान प्रवास के बाद केंद्र सरकार ने इन संपत्तियों को सरकारी घोषित कर दिया।
स्थिति अभी तक स्पष्ट क्यों नहीं?
भोपाल जिला प्रशासन ने हाई कोर्ट के आदेश के बाद कदम उठाने का संकेत दिया। लेकिन फिलहाल, यह स्पष्ट नहीं है कि पटौदी परिवार ने अपना पक्ष रखा है या नहीं।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
- हाई कोर्ट ने संपत्ति विवाद में 30 दिनों की समय सीमा तय की।
- संपत्ति का सरकारी अधिग्रहण संभावित है।
- पटौदी परिवार ने इन संपत्तियों पर लंबे समय से दावा किया है।
Discover more from पाएं देश और दुनिया की ताजा खबरें
Subscribe to get the latest posts sent to your email.