आख़िर तक – एक नज़र में
- दिल्ली में 18 फरवरी को नए मुख्यमंत्री की शपथ होने की संभावना है।
- भाजपा 27 साल बाद दिल्ली में सरकार बनाने जा रही है।
- मुख्यमंत्री पद के लिए कई नामों पर विचार किया जा रहा है, जिनमें परवेश वर्मा प्रमुख हैं।
- पार्टी विधायकों की बैठक जल्द ही मुख्यमंत्री के नाम पर अंतिम मुहर लगाएगी।
- इस बार दिल्ली सरकार में उप-मुख्यमंत्री नहीं होगा।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
दिल्ली में मुख्यमंत्री पद की शपथ 18 फरवरी को हो सकती है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 27 साल बाद दिल्ली की सत्ता में वापसी करने जा रही है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री के नाम पर अंतिम निर्णय लेने से पहले विधायकों की एक बैठक आयोजित की जाएगी।
मुख्यमंत्री पद के दावेदार
दिल्ली में मुख्यमंत्री पद के लिए कई नामों पर चर्चा चल रही है। इनमें परवेश वर्मा, आशीष सूद और रेखा गुप्ता जैसे नाम शामिल हैं। परवेश वर्मा ने हाल ही में आम आदमी पार्टी (आप) के मुखिया अरविंद केजरीवाल को हराया था। आशीष सूद दिल्ली भाजपा के महासचिव हैं और उनका केंद्रीय नेताओं के साथ घनिष्ठ संबंध माना जाता है। रेखा गुप्ता एक प्रमुख महिला चेहरा हैं। विजेंद्र गुप्ता, जो दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता रह चुके हैं, भी दौड़ में शामिल हैं। सतीश उपाध्याय, जो एक प्रमुख ब्राह्मण नेता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष हैं, और जितेंद्र महाजन, जो वैश्य समुदाय से आरएसएस के एक मजबूत प्रतिनिधि हैं, भी संभावित उम्मीदवारों में शामिल हैं।
महिला मुख्यमंत्री की संभावना
पार्टी के नेताओं ने संकेत दिया है कि राष्ट्रीय नेतृत्व किसी महिला को मुख्यमंत्री बना सकता है या किसी नए चेहरे को चुन सकता है। शिखा रॉय, जिन्होंने ग्रेटर कैलाश में आप के दिग्गज नेता सौरभ भारद्वाज को हराया, एक और प्रमुख महिला चेहरा हैं जिन पर विचार किया जा रहा है।
मंत्रिमंडल और अन्य निर्णय
सूत्रों के अनुसार, 15 विधायकों को प्रमुख मंत्री पदों के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया है। पार्टी सूत्रों ने यह भी उल्लेख किया है कि नई सरकार में उप-मुख्यमंत्री होने की संभावना नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और अन्य शीर्ष भाजपा नेताओं के बीच इस मामले को अंतिम रूप देने के लिए एक बैठक होने की भी संभावना है।
चुनाव परिणाम
भाजपा ने हाल ही में संपन्न दिल्ली विधानसभा चुनावों में 70 में से 48 सीटें जीतकर आप से सत्ता छीन ली। आप, जिसने 10 वर्षों से अधिक समय तक दिल्ली पर शासन किया, इन चुनावों में केवल 22 सीटें जीतने में सफल रही। इन चुनावों के नतीजे 8 फरवरी को घोषित किए गए थे। मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल नेताओं में से पार्टी किसे चुनती है, यह देखना दिलचस्प होगा। भाजपा की कोशिश होगी कि दिल्ली में एक स्थिर और मजबूत सरकार बने, जो दिल्ली के विकास को गति दे सके।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
- दिल्ली में 18 फरवरी को नए मुख्यमंत्री की शपथ होने की संभावना है।
- भाजपा 27 साल बाद दिल्ली में सरकार बनाने जा रही है, जिससे राजनीतिक माहौल गरमा गया है।
- मुख्यमंत्री पद के लिए परवेश वर्मा समेत कई नामों पर विचार किया जा रहा है।
- नई सरकार में उप-मुख्यमंत्री नहीं होगा।
- भाजपा ने दिल्ली विधानसभा चुनावों में 48 सीटें जीतीं।
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