कांग्रेस ने स्मृति ईरानी को ‘जॉर्ज सोरोस’ का एजेंट बताया

आख़िर तक
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स्मृति ईरानी: कांग्रेस का 'सोरोस एजेंट' आरोप

आख़िर तक – एक नज़र में

  • कांग्रेस ने स्मृति ईरानी को ‘जॉर्ज सोरोस’ का एजेंट बताया, जिससे राजनीतिक घमासान मच गया।
  • प्रियंका खरगे ने स्मृति ईरानी के USAID गुडविल एम्बेसडर होने पर सवाल उठाए।
  • बीजेपी ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए पलटवार किया।
  • अमित मालवीय ने कांग्रेस को स्मृति ईरानी के प्रति ‘जुनून’ छोड़ने को कहा।
  • विवाद 2002-2005 के स्मृति ईरानी के WHO-ORS गुडविल एम्बेसडर होने से जुड़ा है।

आख़िर तक – विस्तृत समाचार

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कांग्रेस और बीजेपी के बीच स्मृति ईरानी को लेकर वाकयुद्ध छिड़ गया है। कांग्रेस ने स्मृति ईरानी पर USAID (यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट) में गुडविल एम्बेसडर के रूप में काम करने को लेकर तंज कसा। प्रियंका खरगे और पवन खेड़ा ने स्मृति ईरानी पर निशाना साधा, जिसके बाद बीजेपी ने पलटवार किया।

कांग्रेस का आरोप

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कांग्रेस नेता प्रियंका खरगे ने एक सरकारी दस्तावेज का स्क्रीनशॉट साझा किया। इसमें स्मृति ईरानी के USAID गुडविल एम्बेसडर होने की जानकारी थी। खरगे ने सवाल उठाया कि क्या बीजेपी नेता जॉर्ज सोरोस के एजेंट हैं? जॉर्ज सोरोस और उनके ओपन सोसाइटी फ़ाउंडेशन्स को कई सरकारों ने “विघटनकारी एजेंट” कहा है। कांग्रेस ने स्मृति ईरानी को “असली जॉर्ज सोरोस” एजेंट बताया।

पवन खेड़ा का बयान

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कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने प्रियंका खरगे के पोस्ट को रीट्वीट करते हुए कहा, “यह शानदार है। हमें आखिरकार बीजेपी के पसंदीदा सवाल का जवाब मिल गया – रसोड़े में कौन था? जॉर्ज सोरोस का असली एजेंट स्मृति ईरानी निकलीं।” स्मृति ईरानी पर लगे आरोपों ने राजनीतिक माहौल में गर्माहट ला दी है।

बीजेपी का पलटवार

बीजेपी ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज कर दिया। अमित मालवीय ने कहा कि स्मृति ईरानी 2002-2005 तक गुडविल एम्बेसडर थीं। उस दौरान कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार सत्ता में थी। उन्होंने कहा कि WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) ने स्मृति ईरानी को 2002 से 2005 तक ओरल रिहाइड्रेशन साल्ट्स (ORS) का गुडविल ब्रांड एम्बेसडर नियुक्त किया था। उस समय, वह टेलीविजन सीरियल ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ की वजह से घर-घर में जानी जाती थीं।

अमित मालवीय के आरोप

अमित मालवीय ने कहा कि स्मृति ईरानी को दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) ने भी समर्थन दिया था, जिसने अपने बसों पर प्रचार सामग्री प्रदर्शित करने की अनुमति दी थी। उन्होंने कहा कि उस समय शीला दीक्षित दिल्ली की मुख्यमंत्री थीं, और पवन खेड़ा उनके निजी सहायक थे। मालवीय ने आई आई एम इंदौर की एक रिपोर्ट का भी हवाला दिया, जिसमें कार्यक्रम की सफलता का उल्लेख था।

कांग्रेस पर हमला

अमित मालवीय ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि पार्टी को स्मृति ईरानी के प्रति ‘जुनून’ छोड़ देना चाहिए। उन्होंने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनावों में स्मृति ईरानी का अमेठी सीट जीतना कांग्रेस के लिए हमेशा एक ‘स्थायी दुःस्वप्न’ रहेगा। स्मृति ईरानी ने गांधी परिवार के गढ़ में जीत हासिल की थी, जो कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका था।
स्मृति ईरानी के राजनीतिक जीवन में यह विवाद एक और अध्याय जोड़ता है।

आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें

  • कांग्रेस ने स्मृति ईरानी को ‘जॉर्ज सोरोस’ का एजेंट बताया।
  • प्रियंका खरगे ने स्मृति ईरानी के USAID गुडविल एम्बेसडर होने पर सवाल उठाए।
  • बीजेपी ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज किया।
  • अमित मालवीय ने कांग्रेस को स्मृति ईरानी के प्रति ‘जुनून’ छोड़ने को कहा।
  • विवाद 2002-2005 के स्मृति ईरानी के WHO-ORS गुडविल एम्बेसडर होने से जुड़ा है। स्मृति ईरानी पर लगे आरोपों ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है।

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आख़िर तक मुख्य संपादक
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