आख़िर तक – एक नज़र में
- 26/11 के मुंबई हमले के आरोपी तहव्वुर राणा ने भारत में प्रत्यर्पण रोकने के लिए अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी है।
- राणा ने कहा कि वह मुस्लिम होने के कारण भारत में यातना का शिकार हो सकते हैं।
- राणा के वकीलों ने उनकी खराब स्वास्थ्य स्थिति का हवाला देते हुए प्रत्यर्पण रोकने की मांग की है।
- राणा पर मुंबई हमलों की साजिश रचने और उसे अंजाम देने का आरोप है, जिसमें 166 लोगों की जान चली गई थी।
- भारत सरकार ने राणा के प्रत्यर्पण के लिए अमेरिका से सभी कानूनी दस्तावेज साझा किए हैं और एनआईए की टीम अमेरिका जाने के लिए तैयार है।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
26/11 मुंबई हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा ने एक अंतिम प्रयास करते हुए भारत में अपने प्रत्यर्पण को रोकने के लिए अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। राणा ने अपनी याचिका में कहा है कि पाकिस्तान मूल का मुस्लिम होने के कारण भारत में उसके साथ यातना होने की प्रबल संभावना है।
तहव्वुर राणा की याचिका
63 वर्षीय तहव्वुर राणा वर्तमान में लॉस एंजिल्स की एक जेल में बंद है। वह लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के आतंकवादी डेविड हेडली से जुड़ा हुआ है, जो मुंबई हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक है। इन हमलों में 166 लोग मारे गए थे। राणा ने अपनी याचिका में कहा है कि वह कई बीमारियों से पीड़ित है, जिसमें उन्नत कार्डियक एन्यूरिज्म, संज्ञानात्मक गिरावट के साथ पार्किंसंस रोग और संभावित मूत्राशय कैंसर शामिल हैं। राणा के वकीलों का तर्क है कि वह मुकदमे का सामना करने के लिए जीवित नहीं रह पाएगा।
राणा की कानूनी टीम ने आगे कहा कि उसे “ततैया के घोंसले” में नहीं भेजा जा सकता है, जहाँ उसे “राष्ट्रीय, धार्मिक और सांस्कृतिक दुश्मनी के लक्ष्य” के रूप में इंगित किया जाएगा।
मानवाधिकार रिपोर्ट का हवाला
याचिका में 2023 की ह्यूमन राइट्स वॉच रिपोर्ट का हवाला दिया गया है, जिसमें भारत में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा धार्मिक अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से मुसलमानों के खिलाफ व्यवस्थित भेदभाव और कलंक लगाने का आरोप लगाया गया है। भारत ने इस रिपोर्ट को निराधार बताते हुए खारिज कर दिया है।
याचिका में आगे कहा गया है कि भारतीय सरकार “तेजी से निरंकुश” होती जा रही है, और तर्क दिया गया है कि राणा के निष्पक्ष सुनवाई के अधिकार को खतरा होगा।
पहले भी खारिज हो चुकी है याचिका
21 जनवरी को, अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने राणा द्वारा दायर एक समीक्षा याचिका को खारिज कर दिया था। पिछले महीने, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने घोषणा की कि उनके प्रशासन ने राणा के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है, जिसे उन्होंने “बहुत बुरा” कहा था।
भारत सरकार की तैयारी
सरकारी सूत्रों ने बताया कि सभी कानूनी दस्तावेज अमेरिकी अधिकारियों के साथ साझा किए गए हैं और एनआईए की एक टीम मंजूरी मिलने के बाद अमेरिका की यात्रा करेगी। एनआईए ने मुंबई में आतंकवादी हमलों की साजिश रचने और उसे अंजाम देने के आरोप में राणा सहित नौ लोगों के खिलाफ 2011 में आरोप पत्र दाखिल किया था। यह 26/11 हमला भारत के इतिहास का एक दुखद अध्याय है। आतंकवाद के ख़िलाफ़ भारत की लड़ाई जारी रहेगी।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
- तहव्वुर राणा ने भारत में प्रत्यर्पण रोकने के लिए अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।
- राणा ने भारत में यातना की आशंका जताई और अपनी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का हवाला दिया।
- राणा पर 26/11 के मुंबई हमलों की साजिश रचने का आरोप है, जिसमें 166 लोग मारे गए थे।
- ह्यूमन राइट्स वॉच की रिपोर्ट में भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ भेदभाव का आरोप लगाया गया है।
- भारत सरकार ने राणा के प्रत्यर्पण के लिए सभी आवश्यक कानूनी दस्तावेज अमेरिका को सौंप दिए हैं और एनआईए की टीम अमेरिका जाने के लिए तैयार है।
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