विवाद के बीच पूजा खेडकर आईएएस ट्रेनिंग की समय सीमा चूकीं

आख़िर तक
4 Min Read
विवाद के बीच पूजा खेडकर आईएएस ट्रेनिंग की समय सीमा चूकीं

विवादित आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर, जिन पर चयन के लिए फर्जी विकलांगता और जाति प्रमाणपत्र जमा करने का आरोप है, मंगलवार को अपनी निर्धारित समय सीमा तक मसूरी में लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (एलबीएसएनएए) में रिपोर्ट करने में असफल रहीं। उनके चयन के आसपास विवाद छिड़ते ही, खेडकर को अकादमी में बुलाया गया और उनका प्रशिक्षण कार्यक्रम रोक दिया गया। उन्हें 23 जुलाई तक रिपोर्ट करने के लिए कहा गया था।


पृष्ठभूमि

आईएएस अधिकारी बनने की यात्रा में पूजा खेडकर के साथ धोखाधड़ी के आरोप लगे हैं। रिपोर्टों के अनुसार, उन्होंने अत्यधिक प्रतिस्पर्धात्मक चयन प्रक्रिया में अनुचित लाभ प्राप्त करने के लिए फर्जी विकलांगता और जाति प्रमाणपत्र जमा किए। इन आरोपों ने उनके उपलब्धियों पर सवाल उठाए और चयन प्रक्रिया की निष्पक्षता पर संदेह खड़ा किया।

- विज्ञापन -

अकादमी में पुनः बुलावा

जैसे ही विवाद उत्पन्न हुआ, एलबीएसएनएए ने तत्काल कार्रवाई की और खेडकर को अकादमी में बुलाया। उनका प्रशिक्षण कार्यक्रम रोक दिया गया और उन्हें 23 जुलाई की समय सीमा दी गई। अकादमी का यह निर्णय आरोपों की गंभीरता और जांच की आवश्यकता को दर्शाता है।


कानूनी और प्रशासनिक कार्यवाही

खेडकर के खिलाफ आरोपों को संबोधित करने के लिए कानूनी और प्रशासनिक कार्यवाही शुरू की गई है। प्रमाणपत्रों की प्रामाणिकता की जांच की जा रही है। यदि दोषी पाया गया, तो उन्हें आईएएस से अयोग्य ठहराया जा सकता है और संभावित आपराधिक आरोपों का सामना करना पड़ सकता है।

- विज्ञापन -

करियर पर प्रभाव

विवाद ने खेडकर के करियर और प्रतिष्ठा पर गंभीर प्रभाव डाला है। आईएएस में उनका भविष्य अब चल रही जांचों के परिणाम पर निर्भर है। यह घटना सिविल सेवाओं में ईमानदारी और सत्यनिष्ठा के महत्व के बारे में चेतावनी का संकेत देती है।


साथियों और अधिकारियों की प्रतिक्रिया

खेडकर के खिलाफ आरोपों ने सिविल सेवाओं में उनके साथियों और अधिकारियों से तीखी प्रतिक्रिया उत्पन्न की है। कईयों ने निराशा व्यक्त की और चयन प्रक्रिया की पवित्रता सुनिश्चित करने के लिए कठोर कार्रवाई की मांग की। इस घटना ने अधिक सख्त सत्यापन तंत्र की आवश्यकता पर व्यापक बहस को जन्म दिया है।

- विज्ञापन -

व्यापक प्रभाव

इस विवाद के व्यापक प्रभाव हैं। यह धोखाधड़ी को रोकने और यह सुनिश्चित करने के लिए कठोर जाँच और संतुलन की आवश्यकता को उजागर करता है कि केवल योग्य उम्मीदवार ही चयन प्रक्रिया से गुजरें। घटना पारदर्शिता और सार्वजनिक सेवा में उत्तरदायित्व के महत्व को भी रेखांकित करती है।


पूजा खेडकर समय सीमा तक एलबीएसएनएए में रिपोर्ट करने में असफल
पूजा खेडकर समय सीमा तक एलबीएसएनएए में रिपोर्ट करने में असफल

पूजा खेडकर का दी गई समय सीमा तक एलबीएसएनएए में रिपोर्ट करने में असफल होना चल रहे विवाद में एक महत्वपूर्ण विकास को चिह्नित करता है। जांच जारी रहने के साथ, परिणाम न केवल उनके भविष्य को निर्धारित करेगा बल्कि सिविल सेवाओं के चयन प्रक्रिया की विश्वसनीयता को भी प्रभावित करेगा। यह घटना सार्वजनिक सेवा में नैतिक मानकों और सत्यनिष्ठा को बनाए रखने के महत्व की एक कड़ी याद दिलाती है।


Discover more from पाएं देश और दुनिया की ताजा खबरें

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

author avatar
आख़िर तक मुख्य संपादक
Share This Article
1 टिप्पणी

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों का भविष्य स्मार्टफोन की जासूसी से बचें