ईरान की मध्यस्थता पेशकश: भारत-पाक तनाव कम करने की पहल

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ईरान की मध्यस्थता पेशकश: भारत-पाक तनाव कम करने की पहल

आख़िर तक – एक नज़र में

  • पहलगाम आतंकी हमले के बाद बढ़े भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच ईरान की मध्यस्थता पेशकश सामने आई है।
  • ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने भारत-पाक को “भाई पड़ोसी” बताते हुए शांति की अपील की।
  • भारत ने हमले के बाद सिंधु जल संधि निलंबित करने सहित कई कड़े कदम उठाए हैं।
  • पाकिस्तान ने भी जवाबी कार्रवाई की और संयुक्त राष्ट्र ने दोनों पक्षों से संयम बरतने का आग्रह किया है।
  • इसी बीच एक बीएसएफ जवान गलती से अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर पाकिस्तान रेंजर्स की हिरासत में चला गया।

आख़िर तक – विस्तृत समाचार

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भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच ईरान की मध्यस्थता पेशकश

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए घातक आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। इस बढ़ते टकराव के बीच, ईरान ने शुक्रवार को दोनों देशों के मध्य मध्यस्थता करने की पेशकश की है। ईरान की मध्यस्थता पेशकश क्षेत्र में शांति और स्थिरता बहाल करने के प्रयास का हिस्सा है। यह हमला पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों द्वारा किया गया था।

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ईरान का शांति संदेश

ईरान के विदेश मंत्री सैयद अब्बास अराघची ने क्षेत्र में शांति और स्थिरता के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने भारत और पाकिस्तान को “भाई पड़ोसी” बताया। अराघची ने पुष्टि की कि तेहरान दोनों देशों को सर्वोच्च प्राथमिकता मानता है। उन्होंने ट्वीट किया, “भारत और पाकिस्तान ईरान के भाई पड़ोसी हैं। उनके संबंध सदियों पुराने सांस्कृतिक और सभ्यतागत संबंधों में निहित हैं।” उन्होंने आगे कहा, “अन्य पड़ोसियों की तरह, हम उन्हें अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता मानते हैं। तेहरान इस कठिन समय में अधिक समझ बनाने के लिए इस्लामाबाद और नई दिल्ली में अपने अच्छे कार्यालयों का उपयोग करने के लिए तैयार है।” यह ईरान की मध्यस्थता पेशकश का औपचारिक बयान था। ईरानी मंत्री ने मानवता, सहानुभूति, एकजुटता और करुणा का संदेश देते हुए फारसी कवि सादी की टिप्पणियों का भी उल्लेख किया।

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पहलगाम हमले से बढ़ा तनाव

हाल के इतिहास में भारत और पाकिस्तान के संबंध नए निचले स्तर पर पहुंच गए हैं। यह स्थिति पहलगाम में 26 लोगों की हत्या के बाद बनी। मारे गए लोगों में ज्यादातर पर्यटक थे। हमला द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) के आतंकवादियों ने किया था। माना जाता है कि यह समूह प्रतिबंधित पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का प्रॉक्सी है। इस पहलगाम आतंकी हमले ने तनाव को और भड़का दिया है।

भारत के जवाबी कदम

भारत ने सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने में पाकिस्तानी सरकार की भूमिका के अपने आरोपों को दोहराया है। भारत ने कई निर्णायक कार्रवाइयां की हैं। इनमें पाकिस्तान के लिए एक प्रमुख जीवन रेखा, सिंधु जल संधि को निलंबित करना शामिल है। अंतरराष्ट्रीय सीमा को बंद कर दिया गया है। अटारी में एकीकृत जांच चौकी पर गतिविधियां रोक दी गई हैं। राजनयिक मिशन कर्मचारियों की संख्या कम कर दी गई है। सार्क योजना के तहत सहित पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा निलंबित कर दिया गया है। ये कदम भारत की कड़ी प्रतिक्रिया दर्शाते हैं।

पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई

इस्लामाबाद ने पहलगाम हमले में किसी भी संलिप्तता से इनकार किया है। उसने भी जवाबी उपायों की एक श्रृंखला की घोषणा की। इसमें वाघा सीमा को बंद करना शामिल है। भारतीय नागरिकों के लिए सभी सार्क वीजा निलंबित कर दिए गए हैं। शिमला समझौते को निलंबित कर दिया गया है। व्यापारिक गतिविधियां रोक दी गई हैं। भारतीय एयरलाइनों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया है। पाकिस्तान ने यह भी कहा कि सिंधु जल संधि के तहत उसके लिए निर्धारित पानी को मोड़ने का कोई भी कदम “युद्ध का कार्य” माना जाएगा।

सीमा पर घटना और संयुक्त राष्ट्र की अपील

इसी बीच एक घटनाक्रम में, सीमा सुरक्षा बल (BSF) का एक जवान हिरासत में ले लिया गया। सूत्रों के अनुसार, वह गलती से पंजाब के फिरोजपुर में अंतर्राष्ट्रीय सीमा (IB) पार कर गया था। उसे पाकिस्तान रेंजर्स ने हिरासत में लिया। बीएसएफ कर्मियों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए बातचीत चल रही थी। इस बीच, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने बयान दिया। उन्होंने कहा कि उनका कार्यालय भारत और पाकिस्तान के बीच की स्थिति पर “बहुत बारीकी से और बहुत बड़ी चिंता के साथ” नजर रख रहा है। उन्होंने दोनों सरकारों से अधिकतम संयम बरतने की अपील की। उन्होंने यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि स्थिति और खराब न हो। ईरान की मध्यस्थता पेशकश इसी तनावपूर्ण माहौल में आई है।


आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें

  • पहलगाम आतंकी हमले के बाद बढ़े भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच ईरान की मध्यस्थता पेशकश आई है।
  • ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने भारत-पाक संबंधों और क्षेत्रीय शांति पर जोर दिया।
  • भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए सिंधु जल संधि निलंबन सहित कई कदम उठाए।
  • पाकिस्तान ने आरोपों से इनकार करते हुए जवाबी कार्रवाई की घोषणा की है।
  • संयुक्त राष्ट्र ने दोनों देशों से अधिकतम संयम बरतने का आग्रह किया है।

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