कारगिल विजय दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अग्निपथ योजना का बचाव किया, कांग्रेस और कुछ NDA सहयोगियों की आलोचना के बीच। मोदी ने लेह के कारगिल युद्ध स्मारक पर इस योजना की आवश्यकता को रेखांकित किया, जिसे 2022 में पेश किया गया था। इस लेख में पीएम मोदी के अग्निपथ योजना के बचाव, कांग्रेस की प्रतिक्रिया, और भारतीय सशस्त्र बलों की भर्ती नीति पर चल रही बहस की चर्चा की गई है।
अग्निपथ योजना का पीएम मोदी का बचाव
26 जुलाई 2024 को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लेह के ड्रास में कारगिल विजय दिवस के 25वें वार्षिक उत्सव पर सभा को संबोधित किया। मोदी ने इस अवसर पर अग्निपथ योजना के समर्थन को पुनः स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि यह योजना सशस्त्र बलों को युद्ध के लिए निरंतर फिट रखने के उद्देश्य से है।
पीएम मोदी ने स्पष्ट किया कि योजना का उद्देश्य पेंशन पैसे को बचाना नहीं है। उन्होंने विपक्ष को राष्ट्रीय सुरक्षा मुद्दों पर राजनीति करने के लिए आलोचित किया। मोदी ने कहा कि वर्तमान में पेंशन का मामला भविष्य की सरकारों के लिए होगा, न कि वर्तमान सरकार के लिए। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार राष्ट्रीय नीति पर ध्यान केंद्रित करती है, न कि राजनीतिक लाभ पर।
अग्निपथ योजना के तहत, सेना, नौसेना और वायु सेना में चार साल के अनुबंध पर भर्ती की जाती है। इस अवधि के बाद, केवल 25% को स्थायी कमीशन के लिए पात्र माना जाता है, जो उनके सेवा को 15 साल तक बढ़ाता है। मोदी ने तर्क किया कि यह नीति एक गतिशील और सक्षम सैन्य बल बनाए रखने में मदद करती है।
कांग्रेस की प्रतिक्रिया और आलोचना
इसके जवाब में, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम मोदी की योजना के बचाव की निंदा की। खरगे ने मोदी के दावों को “सरेआम झूठ” और सशस्त्र बलों के प्रति “अपमान” बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि अग्निपथ योजना को सैन्य द्वारा ठीक से स्वीकार नहीं किया गया, और रिटायर्ड जनरल एमएम नरवाने की आलोचना का हवाला दिया। खरगे ने दावा किया कि नरवाने ने योजना को नौसेना और वायु सेना के लिए “सर्वनाशकारी” बताया।
खरगे ने योजना की पेंशन लाभ की कमी की भी आलोचना की, जिसमें ग्रेच्युइटी और परिवार पेंशन शामिल नहीं हैं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि अब तक 15 अग्निवीर शहीद हो चुके हैं और उनके बलिदान का सम्मान करने की अपील की। खरगे के अनुसार, सैनिक देशभक्ति के लिए सेना में शामिल होते हैं, केवल वेतन के लिए नहीं।
कांग्रेस सांसद कार्ती चिदंबरम की आलोचना
कांग्रेस सांसद कार्ती चिदंबरम ने आलोचना को बढ़ाया, यह तर्क करते हुए कि अग्निपथ योजना सशस्त्र बलों की क्षमता को कमजोर करती है। उन्होंने कहा कि बिना उचित प्रशिक्षण और लाभ के अल्पकालिक भर्ती एक पेशेवर सेना के लिए योगदान नहीं करती। चिदंबरम ने एक मजबूत सैन्य बल बनाने के लिए व्यापक प्रशिक्षण और पूर्ण कमीशन की आवश्यकता पर जोर दिया।
भाजपा की आंतरिक चिंताएं और मोदी की प्रतिकार
भाजपा की एक आंतरिक रिपोर्ट ने अग्निपथ योजना के प्रति असंतोष का खुलासा किया, जो पार्टी के उत्तर प्रदेश लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन का एक कारण माना गया। हालांकि, मोदी ने पिछले सरकारों पर सैनिकों की भलाई की अनदेखी करने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार ने वन रैंक वन पेंशन योजना को लागू किया और पूर्व सैनिकों को 1.25 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि आवंटित की।
मोदी ने अतीत की सरकारों की आलोचना की जिन्होंने युद्ध स्मारक नहीं बनाया और सीमा पर तैनात सैनिकों को बुलेटप्रूफ जैकेट पर्याप्त रूप से नहीं प्रदान की। उनके बयान का उद्देश्य उनकी सरकार की सैन्य कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता को उजागर करना था, पिछले शासन की तुलना में।
अग्निपथ योजना पर बहस भारतीय राजनीति में एक विवादास्पद मुद्दा बनी हुई है। जबकि पीएम मोदी इस नीति का बचाव करते हैं, कांग्रेस अपनी आलोचना पर अड़ी है। यह बहस राष्ट्रीय सुरक्षा, सैन्य दक्षता, और सशस्त्र बलों के कर्मचारियों की भलाई पर व्यापक चिंताओं को दर्शाती है।
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