ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्ला अली खामेनेई ने इमाम खुमैनी मस्जिद में अपने पहले जुमे के ख़ुतबे में कहा कि इज़राइल “लंबे समय तक नहीं बचेगा” और तेहरान पर हमलों का बचाव किया। खामेनेई का यह भाषण ईरान की 1979 की इस्लामी क्रांति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली मस्जिद से दिया गया था।
इमाम खुमैनी मस्जिद, जो पहले शाह मस्जिद के नाम से जानी जाती थी, तेहरान के केंद्रीय बाजार के पास स्थित है और यह ईरान की ऐतिहासिक धरोहरों में से एक है। यह मस्जिद 18वीं शताब्दी में बनी थी और यह क़ाजार युग की यादगार है।
इस ऐतिहासिक मस्जिद का महत्व इस बात में है कि यह शाह मोहम्मद रेजा पहलवी के शासन के खिलाफ आवाज उठाने का केंद्र रहा है। 1960 के दशक में क्हामेनेई और खुमैनी जैसे धार्मिक नेताओं ने शाह के खिलाफ विद्रोह किया। यह मस्जिद विरोधियों के एकत्र होने का स्थान बनी, जिससे इस्लामी राष्ट्रीयता के तहत विभिन्न गुटों को एकजुट करने में मदद मिली।
खामेनेई ने कहा, “हमारे सशस्त्र बलों द्वारा उठाया गया कदम ज़ायोनी शासन के अपराधों के खिलाफ सबसे कम दंड था।” उन्होंने कहा कि लोगों की भारी भीड़ इस बात का प्रमाण है कि आम जनता अपने नेतृत्व के निर्णय का समर्थन करती है।
इस भाषण का उद्देश्य ईरान की सैन्य शक्ति और देश के नागरिकों का मनोबल बढ़ाना था। खामेनेई का यह पहला सार्वजनिक भाषण लगभग पांच साल बाद हुआ है और इसे इज़राइल के खिलाफ तनाव बढ़ने के संदर्भ में देखा जा रहा है।
Discover more from पाएं देश और दुनिया की ताजा खबरें
Subscribe to get the latest posts sent to your email.