अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर बीजेपी को चौंकाया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की घोषणा करके, उन्होंने बीजेपी की चुनावी रणनीतियों को झटका दिया है। केजरीवाल की राजनीति केवल उन चीजों के बारे में नहीं है जो की जाती हैं, बल्कि उन चीजों के बारे में भी है जो की जा सकती हैं। वे कभी भी पारंपरिक राजनीति से भिन्न होते हैं और यही कारण है कि उनकी आम आदमी पार्टी (AAP) बार-बार बीजेपी को मात देती रही है।
केंद्र में 2013 में सत्ता में आने के बाद, केजरीवाल ने ऐसा कदम उठाया जो भारतीय राजनीति में अद्वितीय था। उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में जेल जाने की हिम्मत की और छः महीने जेल में रहकर बीजेपी के दबाव का सामना किया। अब, सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद, वे मुख्यमंत्री पद को छोड़ रहे हैं। यह कदम बीजेपी के लिए एक बड़ा झटका है, जो दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारी में है।
केजरीवाल ने बीजेपी की रणनीति को ठेस पहुंचाते हुए 2013 में आम आदमी पार्टी के माध्यम से सरकार बनाई थी। दिल्ली में बीजेपी ने 31 सीटें जीतीं और AAP ने 28, जिससे विधानसभा में Hung Assembly का माहौल बना। इसके बाद कांग्रेस ने AAP के कुछ मांगों का समर्थन किया, और केजरीवाल ने मुख्यमंत्री बनकर बीजेपी को चौंकाया। हालांकि, उनकी पहली सरकार केवल 49 दिन तक ही चल पाई, जिससे उन्होंने बीजेपी और कांग्रेस को उनकी भ्रष्टाचार विरोधी नीतियों के कारण आलोचना की।
2015 में, केजरीवाल ने बीजेपी को विपक्षी पार्टी बना दिया जब AAP ने 70 में से 67 सीटें जीत लीं। उन्होंने बीजेपी को चुनौती दी और लोगों से माफ़ी मांगी कि उन्होंने 49 दिन में इस्तीफा दे दिया था। इस बार, उन्होंने भारी जनादेश प्राप्त किया और दिल्ली की राजनीति में अपनी स्थिति मजबूत की।
2020 में, केजरीवाल ने फिर से 62 सीटें जीतकर सरकार बनाई। लेकिन इस बार, दिल्ली में शराब नीति मामले में विवाद हुआ और कई प्रमुख नेताओं को जेल भेजा गया। केजरीवाल ने इस बार भी बीजेपी की उम्मीदों को चकनाचूर कर दिया और जेल से भी मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की घोषणा की।
अब जब केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने का ऐलान किया है, वे भ्रष्टाचार के मामले को जनता के अदालत में ले जाएंगे। इससे बीजेपी की चुनावी रणनीति को धक्का लगेगा और केजरीवाल की छवि एक ‘आम आदमी’ के रूप में उभरेगी।
दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में इस्तीफा देने के बाद, केजरीवाल ‘शीशमहल’ से बाहर चले जाएंगे और एक नई छवि के साथ जनता के बीच जाएंगे। यह राजनीति में उनके मास्टरस्ट्रोक का हिस्सा है, जिसने बीजेपी की पूरी रणनीति को पलट दिया है।
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