अमृतसर में उतरे अमेरिकी डिपोर्ट, महिलाएं-बच्चे नहीं बंधे

आख़िर तक
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अमृतसर में उतरे अमेरिकी डिपोर्ट, महिलाएं-बच्चे नहीं बंधे

आख़िर तक – एक नज़र में

  • अमेरिका से डिपोर्ट किए गए 116 भारतीयों को लेकर एक विमान अमृतसर में उतरा।
  • सूत्रों के अनुसार, महिलाओं और बच्चों को विमान में नहीं बांधा गया था।
  • पुरुष डिपोर्टियों ने दावा किया कि उन्हें यात्रा के दौरान बेड़ियों में जकड़ा गया था।
  • शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने सिखों को पगड़ी पहनने की अनुमति न देने की निंदा की।
  • पंजाब सरकार ने डिपोर्टियों के लिए परिवहन की व्यवस्था की।

आख़िर तक – विस्तृत समाचार

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अमेरिका से डिपोर्ट किए गए 116 भारतीय नागरिकों को लेकर एक विमान शनिवार को अमृतसर हवाई अड्डे पर उतरा। यह अमेरिकी आव्रजन नीतियों के तहत दूसरा ऐसा निर्वासन है। अधिकारियों ने बताया कि इस उड़ान में महिलाओं और बच्चों को यात्रा के दौरान बांधकर नहीं रखा गया था।

डिपोर्टियों का दावा

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हालांकि, पुरुष डिपोर्टियों ने दावा किया कि उन्हें पूरी यात्रा के दौरान बेड़ियों में जकड़ा गया था। सिख समुदाय के कुछ लोगों ने आरोप लगाया कि उन्हें पगड़ी पहनने की अनुमति नहीं दी गई।

पहले की घटना

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इस महीने की शुरुआत में, 5 फरवरी को अमेरिका से 104 डिपोर्ट किए गए भारतीयों को लेकर एक विमान अमृतसर उतरा था। उस घटना के बाद डिपोर्ट किए गए भारतीय आप्रवासियों के साथ व्यवहार को लेकर चिंता बढ़ गई। कुछ यात्रियों ने बताया कि उन्हें पूरी उड़ान के दौरान हाथों और पैरों में हथकड़ी लगाकर रखा गया था, और भारत पहुंचने के बाद ही उन्हें खोला गया।

क्षेत्रीय विवरण

डिपोर्ट किए गए लोगों में से 65 पंजाब से, 33 हरियाणा से, आठ गुजरात से, दो-दो गोवा, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान से और एक-एक हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर से हैं।

भगवंत मान की प्रतिक्रिया

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हवाई अड्डे का दौरा किया और कहा कि उनकी सरकार ने पंजाब के निवासियों के लिए परिवहन की व्यवस्था की है। “हमारे वाहन उन्हें उनके घरों तक ले जाने के लिए तैयार हैं,” उन्होंने कहा।

आयु समूह

समाचार एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि दूसरी अमेरिकी उड़ान से डिपोर्ट किए गए अधिकांश व्यक्ति 18 से 30 वर्ष की आयु के बीच थे।

एसजीपीसी की निंदा

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने अमेरिकी अधिकारियों द्वारा सिख डिपोर्टियों को पगड़ी पहनने की अनुमति न देने की कथित घटना की कड़ी निंदा की। सोशल मीडिया पर वीडियो क्लिप में सिख डिपोर्टियों को अमृतसर हवाई अड्डे पर बिना पगड़ी पहने आव्रजन औपचारिकताएं पूरी करते हुए दिखाया गया। एसजीपीसी के अधिकारियों ने उन्हें पगड़ी प्रदान की और भोजन और परिवहन की व्यवस्था की। एसजीपीसी का मानना है कि सिखों को उनकी धार्मिक पहचान बनाए रखने का अधिकार है, चाहे वे कहीं भी हों। अमेरिका में डिपोर्ट किए गए कई भारतीयों को कानूनी सहायता नहीं मिल पाती, जिससे वे अन्याय का शिकार हो जाते हैं।

तीसरी उड़ान

इस बीच, पंजाब, हरियाणा और गुजरात से 112 डिपोर्ट किए गए लोगों को लेकर एक तीसरी उड़ान रविवार को अमृतसर हवाई अड्डे पर उतरी।

आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें

  • अमेरिका से 116 डिपोर्ट किए गए भारतीय अमृतसर में उतरे।
  • महिलाओं और बच्चों को विमान में नहीं बांधा गया था, लेकिन पुरुषों ने बेड़ियों में जकड़े जाने का दावा किया।
  • सिख डिपोर्टियों को पगड़ी पहनने की अनुमति न देने पर एसजीपीसी ने निंदा की।
  • पंजाब सरकार ने डिपोर्टियों के लिए परिवहन की व्यवस्था की।
  • डिपोर्ट किए गए अधिकांश व्यक्ति 18 से 30 वर्ष की आयु के बीच थे।

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आख़िर तक मुख्य संपादक
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