आख़िर तक – एक नज़र में
- बांग्लादेश में हिंदू भिक्षु चिन्मय कृष्ण दास को कानूनी सहायता नहीं मिली।
- उनके वकील रमेन रॉय पर हमला हुआ और वह ICU में भर्ती हैं।
- इस्लामी चरमपंथियों की धमकियों के कारण अन्य वकील भी केस नहीं ले रहे।
- भिक्षु को एक महीने तक जेल में रहना होगा।
- मामला बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के अधिकारों की लड़ाई से जुड़ा है।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
घटना का संक्षिप्त विवरण
बांग्लादेश के चट्टग्राम में हिंदू भिक्षु चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी को धमकियों के कारण कोई कानूनी सहायता नहीं मिल पाई। उन्हें राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और अब उन्हें एक महीने तक जेल में रहना होगा।
वकील पर हमला और धमकियां
चिन्मय कृष्ण दास के पूर्व वकील रमेन रॉय पर इस्लामी चरमपंथियों ने हमला किया। उनके घर को भी तोड़फोड़ किया गया। हमले के बाद, वह अस्पताल में ICU में जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इस घटना के बाद, अन्य वकील भी भिक्षु का केस लड़ने से डर रहे हैं।
चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी और मामला
दास को 25 नवंबर को ढाका अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया था। 26 नवंबर को उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई। अगली सुनवाई 2 जनवरी को होगी।
अल्पसंख्यकों के अधिकारों की लड़ाई
चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश के अल्पसंख्यक हिंदुओं के अधिकारों के लिए लड़ रहे थे। उनके नेतृत्व में एक आठ-सूत्रीय कार्यक्रम चलाया जा रहा था। दास ने इस आंदोलन के कारण लोकप्रियता हासिल की, जिससे वे इस्लामी चरमपंथियों के निशाने पर आ गए।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
- बांग्लादेश में हिंदू भिक्षु चिन्मय कृष्ण दास को कानूनी सहायता नहीं मिली।
- उनके वकील रमेन रॉय पर हमला हुआ।
- दास को एक महीने तक जेल में रहना होगा।
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