बेंगलुरु में एक महिला की हत्या के बाद उसका शव फ्रिज में टुकड़ों में मिला, और इस मामले में मुख्य संदिग्ध का शव उड़ीसा के भद्रक जिले में मिला। पुलिस को शव के पास एक आत्महत्या का नोट मिला है, जिसमें इस घटना का खुलासा किया गया है।
आत्महत्या नोट के अनुसार, आरोपी मुक्ति रंजन रॉय और पीड़िता महालक्ष्मी के बीच उनके वायलिकावल स्थित घर में तीखी बहस हुई थी। बहस के दौरान, मुक्ति ने महालक्ष्मी के सिर पर वार किया, जिससे उसकी मौत हो गई। नोट में यह भी बताया गया कि दोनों के बीच एक घनिष्ठ संबंध था।
मुक्ति रंजन का शव भद्रक जिले में पाया गया, और पुलिस ने आत्महत्या का मामला दर्ज किया है। पुलिस को मौके से मुक्ति का बैग, लैपटॉप, और मोबाइल फोन भी मिला।
महालक्ष्मी, जो बेंगलुरु के एक मॉल में काम करती थीं, उसी दुकान में कार्यरत थीं, जहां मुक्ति रंजन मैनेजर के रूप में कार्यरत थे। उनकी कॉल रिकॉर्ड्स से पता चला कि दोनों के बीच लगातार बातचीत हो रही थी, जिससे पुलिस का संदेह और बढ़ गया।
सितंबर की शुरुआत से ही मुक्ति गायब थे, और उनका फोन बंद था, जिससे उनके खिलाफ संदेह गहराता गया।
महालक्ष्मी की हत्या ने पूरे शहर को हिला कर रख दिया, खासकर हत्या की क्रूरता को देखते हुए। 29 वर्षीय महालक्ष्मी का शव 21 सितंबर को उनके घर में फ्रिज में 59 टुकड़ों में मिला था। पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल हथियार को अब तक बरामद नहीं किया है।
बेंगलुरु की वायलिकावल पुलिस अब उड़ीसा की पुलिस के साथ इस मामले में नए सबूतों के आधार पर जांच को आगे बढ़ा रही है। मुक्ति रंजन की आत्महत्या और नोट में किए गए खुलासों ने इस मामले में कई महत्वपूर्ण सुराग दिए हैं, लेकिन पुलिस अब भी महालक्ष्मी की हत्या के पीछे की पूरी सच्चाई को सामने लाने में जुटी है।
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