निजी एफएम रेडियो विस्तार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी

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निजी एफएम रेडियो विस्तार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 234 नए शहरों में निजी एफएम रेडियो के विस्तार को मंजूरी दी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 234 नए शहरों और कस्बों में निजी एफएम रेडियो के विस्तार को मंजूरी दी है। यह निर्णय निजी एफएम रेडियो फेज III नीति के तहत तीसरे बैच की आरोही ई-नीलामियों का हिस्सा है। सरकार ने 730 नए एफएम रेडियो चैनलों के लिए 784.87 करोड़ रुपये का आरक्षित मूल्य तय किया है। इस रणनीतिक कदम का उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं में स्थानीय सामग्री को बढ़ावा देना और विशेष रूप से दूरस्थ और पिछड़े क्षेत्रों में नए रोजगार के अवसर पैदा करना है।

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स्थानीय सामग्री और रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देना

निजी एफएम रेडियो के विस्तार से क्षेत्रीय भाषाओं में स्थानीय सामग्री को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, जो विभिन्न क्षेत्रों की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने में मदद करेगी। इसके अलावा, इस पहल से विशेष रूप से आकांक्षी जिलों और वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) प्रभावित क्षेत्रों में रोजगार के महत्वपूर्ण अवसर उत्पन्न होने की संभावना है। यह निर्णय सरकार की “वोकल फॉर लोकल” पहल के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जो एफएम रेडियो चैनलों के माध्यम से स्थानीय भाषाओं और संस्कृतियों को प्रोत्साहित करता है।

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विस्तार के तहत शामिल नए क्षेत्र

कुल 234 नए शहर और कस्बे, जिनमें कई आकांक्षी जिले और एलडब्ल्यूई प्रभावित क्षेत्र शामिल हैं, इस रोलआउट से लाभान्वित होंगे। इसमें अंडमान और निकोबार, आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, दमन और दीव, गुजरात, हरियाणा, जम्मू और कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, केरल, लक्षद्वीप, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा, और उत्तर प्रदेश के स्थान शामिल हैं।

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नई लाइसेंसिंग फीस और ई-नीलामी विवरण

सरकार ने एफएम चैनलों के लिए वार्षिक लाइसेंस शुल्क (एएलएफ) को भी मंजूरी दी है, जो सकल राजस्व के 4% पर निर्धारित किया जाएगा, जिसमें वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) शामिल नहीं होगा। यह शुल्क संरचना सभी 234 नए शामिल शहरों और कस्बों पर लागू होगी।

तीसरे बैच की आरोही ई-नीलामी सरकार की उस रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसका उद्देश्य भारत भर में एफएम रेडियो की पहुंच और प्रभाव को बढ़ाना है। नीलामी में 730 नए एफएम रेडियो चैनल शामिल होंगे, और विभिन्न शहरों और कस्बों में उपलब्ध चैनलों की सूची व्यापक है।

  • आंध्र प्रदेश: काकीनाडा, कुर्नूल, मचलीपट्टनम जैसे शहरों में 3 से 4 एफएम चैनल उपलब्ध होंगे।
  • असम: डिब्रूगढ़, जोरहाट, और नागांव जैसे शहरों में प्रत्येक में 3 एफएम चैनल होंगे।
  • बिहार: भागलपुर और गया जैसे प्रमुख शहरों में 4 चैनल होंगे।
  • गुजरात: अमरेली, भुज, और दाहोद जैसे शहरों में प्रत्येक में 3 चैनल होंगे।
  • कर्नाटक: बेलगाम

, बेल्लारी, और विजयपुर जैसे शहरों में 3 से 4 चैनल होंगे।

  • मध्य प्रदेश: बैतूल, छिंदवाड़ा, और रीवा जैसे प्रमुख शहरों में 3 से 4 चैनल होंगे।
  • महाराष्ट्र: चंद्रपुर, गोंदिया, और मालेगांव जैसे शहरों में 3 से 4 चैनल होंगे।
  • पंजाब: लुधियाना, मोगा, और मुक्तसर जैसे शहरों में 3 से 4 चैनल होंगे।
  • राजस्थान: अलवर, भीलवाड़ा, और जोधपुर जैसे शहरों में 3 से 4 चैनल होंगे।
  • तमिलनाडु: कुन्नूर, डिंडीगुल, और तंजावुर जैसे शहरों में प्रत्येक में 3 चैनल होंगे।
  • उत्तर प्रदेश: मथुरा, मिर्जापुर, और मुरादाबाद जैसे शहरों में 3 से 4 चैनल होंगे।

रणनीतिक महत्त्व और सरकारी पहुंच

इन नए क्षेत्रों में निजी एफएम रेडियो की शुरुआत से उन क्षेत्रों में सरकारी आउटरीच प्रयासों को मजबूती मिलेगी, जिन्हें पहले मास कम्युनिकेशन चैनलों द्वारा पर्याप्त रूप से सेवा नहीं दी गई थी। यह स्थानीय प्रतिभाओं और सामग्री निर्माताओं को व्यापक दर्शकों तक पहुंचने का मंच प्रदान करेगा, जिससे सामुदायिक भागीदारी और जागरूकता को बढ़ावा मिलेगा। यह पहल स्थानीय समुदायों को उस माध्यम तक पहुंच प्रदान कर सशक्त बनाएगी, जो उनकी आवश्यकताओं और चिंताओं को सीधे संबोधित करता है।

निष्कर्ष

निजी एफएम रेडियो का विस्तार मीडिया और संचार में समावेशिता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह स्थानीय संस्कृति को बढ़ावा देने, क्षेत्रीय भाषाओं का समर्थन करने, और भारत के विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए सरकार के दृष्टिकोण के साथ मेल खाता है। तीसरे बैच की आरोही ई-नीलामी पूरे देश के कई नए शहरों और कस्बों में संचार की खाई को पाटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है।

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