कैसे गूगल की डीपमाइंड एआई ने जीवविज्ञान की बड़ी चुनौती को हल कर जीता रसायन शास्त्र का नोबेल
2024 में रसायन शास्त्र का नोबेल पुरस्कार वैज्ञानिकों की एक टीम को उनके आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग कर प्रोटीन संरचनाओं की भविष्यवाणी करने के अभूतपूर्व कार्य के लिए दिया गया है, जिसने संरचनात्मक जीवविज्ञान के क्षेत्र में क्रांति ला दी है।
स्वीडन की रॉयल एकेडमी ऑफ साइंसेज ने 2024 का रसायन शास्त्र नोबेल पुरस्कार आधा डेविड बेकर को “कम्प्यूटेशनल प्रोटीन डिज़ाइन” के लिए और बाकी आधा गूगल डीपमाइंड के डेमिस हासाबिस और जॉन एम. जंपर को “प्रोटीन संरचना भविष्यवाणी” के लिए संयुक्त रूप से प्रदान किया है।
डेमिस हासाबिस लंदन में गूगल डीपमाइंड के सीईओ हैं, जबकि जॉन एम. जंपर डीपमाइंड में वरिष्ठ शोध वैज्ञानिक हैं।
प्रोटीन बड़े और जटिल अणु होते हैं, जो शरीर में कई महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाते हैं। ये छोटे अमीनो एसिड से बने होते हैं, जो लंबी श्रृंखलाओं में जुड़े होते हैं। अमीनो एसिड के विभिन्न क्रम प्रोटीन की संरचना और कार्य निर्धारित करते हैं।
इस टीम ने गूगल डीपमाइंड के अनुसंधानकर्ताओं और उनके अकादमिक सहयोगियों के साथ मिलकर अल्फा फोल्ड नामक एआई सिस्टम विकसित किया, जिसने प्रोटीन संरचनाओं और उनके कार्यों को समझने के तरीके में क्रांतिकारी बदलाव किया है।
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