Aakhir Tak – In Shorts
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने 7 नवंबर को छठ पूजा के लिए सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की। यह त्यौहार विशेष रूप से पुरवंचली समुदाय के लिए महत्वपूर्ण है। दिल्ली की 42% आबादी पुरवंचली समुदाय से है, जो चुनावी परिणामों को प्रभावित कर सकती है।
Aakhir Tak – In Depth
दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को 7 नवंबर को छठ पूजा के लिए सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की। मुख्यमंत्री आतिशी ने बताया कि इस त्यौहार को धूमधाम से मनाने के लिए यह अवकाश दिया गया है ताकि पुरवंचली समुदाय के लोग अपनी संस्कृति का पालन कर सकें। यह घोषणा विधानसभा चुनावों से कुछ महीने पहले की गई है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पुरवंचली समुदाय दिल्ली के कुल मतदाताओं का लगभग 42% है और यह समुदाय शहर की 70 विधानसभा सीटों में से आधे पर असर डालता है। खासकर, बुराड़ी, लक्ष्मी नगर और द्वारका जैसी प्रमुख सीटों पर इसका प्रभाव देखा जा सकता है।
छठ पूजा बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश और झारखंड के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह दिवाली के बाद हर साल मनाया जाता है और इसमें महिलाएं 36 घंटे का उपवास रखती हैं। इस अवसर पर भक्त सूर्य देव को गेहूं, दूध, गन्ना, केले और नारियल का भोग अर्पित करते हैं।
यह त्योहार कार्तिक मास की छठी तिथि को आता है, इसलिए इसे सूर्य षष्ठी भी कहा जाता है। इसमें चार दिनों तक धार्मिक रीति-रिवाज और उपवास का पालन किया जाता है। पिछले हफ्ते भाजपा ने भी अपनी छठ पूजा से पहले पुरवंचली समुदाय से जुड़ने का अभियान शुरू किया था।
यह अभियान आगामी चुनावों में भाजपा के लिए एक महत्वपूर्ण रणनीति का हिस्सा है, जिसमें वे पुरवंचली वोट बैंक को साधने का प्रयास कर रहे हैं। पिछले 26 वर्षों से भाजपा दिल्ली में सत्ता में नहीं आई है।
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