दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बुधवार को बताया कि राजधानी में 1 नवंबर से 15 नवंबर के बीच कृत्रिम बारिश की तैयारी की जा रही है। यह समय वह होगा जब प्रदूषण अपने चरम पर होगा। उन्होंने एक 21 बिंदुओं की कार्य योजना भी जारी की जिसका उद्देश्य दिल्ली के वायु प्रदूषण से लड़ना है।
उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार से अनुमति मांगी गई है ताकि कृत्रिम बारिश की जा सके, खासकर दीवाली के बाद और पराली जलाने के कारण प्रदूषण बढ़ने के दौरान। इसके लिए पत्र भेजा गया है लेकिन अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
दिल्ली में 2016 से 2023 के बीच वायु प्रदूषण में 34.6% की कमी आई है। पिछले चार वर्षों में दिल्ली में 2 करोड़ पेड़ लगाए गए हैं, जिससे प्रदूषण में काफी कमी आई है।
प्रदूषण हॉटस्पॉट्स की वास्तविक समय पर निगरानी ड्रोन से की जाएगी।
एक विशेष टास्क फोर्स, जिसमें 86 सदस्य शामिल होंगे, बनाई जाएगी। इसमें पर्यावरण मंत्रालय, परिवहन मंत्रालय, दिल्ली नगर निगम और लोक निर्माण विभाग के अधिकारी शामिल होंगे, जो प्रदूषण पर निगरानी रखेंगे।
7 अक्टूबर से दिल्ली में एंटी-डस्ट अभियान शुरू होगा, जिसमें धूल प्रदूषण को कम करने के लिए प्रयास किए जाएंगे।
सर्दियों में सड़कों की सफाई के लिए 85 मशीन स्वीपर और 200 मोबाइल एंटी-स्मॉग गन हर विधानसभा क्षेत्र में तैनात की जाएंगी।
प्रदूषण प्रमाण पत्र की जांच के लिए 360 टीमों का गठन किया जाएगा।
प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली में एक ग्रीन वॉर रूम भी स्थापित किया जाएगा।
दिल्ली में पटाखों पर प्रतिबंध भी लागू होगा, जिसका अधिसूचना जल्द ही जारी की जाएगी।
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