आख़िर तक – एक नज़र में
- दिल्ली की शराब नीति में ₹2002 करोड़ का राजस्व घाटा: CAG रिपोर्ट।
- मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने विधानसभा में रिपोर्ट पेश की, AAP विधायकों का विरोध।
- शराब नीति घोटाले में कई AAP नेता गिरफ्तार, वित्तीय अनियमितताएँ उजागर।
- लाइसेंस देने में उल्लंघन, पारदर्शिता की कमी, और गुणवत्ता नियंत्रण में खामियाँ।
- भाजपा सरकार विधानसभा में 14 लंबित CAG रिपोर्टें पेश करेगी।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
दिल्ली की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार द्वारा शुरू की गई अब रद्द हो चुकी शराब नीति (Delhi Liquor Policy) के कार्यान्वयन से ₹2002 करोड़ का राजस्व घाटा (Revenue Loss) हुआ है। यह खुलासा भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट में हुआ है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने दिल्ली विधानसभा में यह रिपोर्ट पेश की। इस दौरान AAP विधायकों ने इसका विरोध किया, जिसके कारण उन्हें निलंबित कर दिया गया। दिल्ली शराब नीति में कई अनियमितताएँ सामने आई हैं।
शराब नीति घोटाला और गिरफ्तारियाँ
शराब नीति घोटाले (Liquor Policy Scam) में वित्तीय अनियमितताओं के कारण AAP के शीर्ष नेताओं को गिरफ्तार किया गया, जिनमें पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल, उनके पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, राज्यसभा सांसद संजय सिंह और पूर्व दिल्ली मंत्री सत्येंद्र जैन शामिल हैं। यह मामला काफी गंभीर है और इसकी जाँच चल रही है।
भाजपा सरकार का रुख
दिल्ली की भाजपा सरकार (BJP Government) ने घोषणा की है कि वह विधानसभा के मौजूदा सत्र के दौरान 14 लंबित CAG रिपोर्टें पेश करेगी। यह सरकार की पारदर्शिता और जवाबदेही के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। दिल्ली शराब नीति को लेकर बीजेपी सरकार पहले से ही आम आदमी पार्टी पर हमलावर रही है।
CAG रिपोर्ट में उजागर अनियमितताएँ
CAG रिपोर्ट में कई अनियमितताओं (Irregularities) का उल्लेख किया गया है, जिनमें लाइसेंस देने में उल्लंघन, कीमतों में पारदर्शिता की कमी, और गुणवत्ता नियंत्रण में खामियाँ शामिल हैं।
- लाइसेंस देने में उल्लंघन: केजरीवाल सरकार दिल्ली आबकारी नियम, 2010 के नियम 35 को लागू करने में विफल रही, जो कई लाइसेंस जारी करने पर रोक लगाता है।
- कीमतों में पारदर्शिता की कमी: CAG रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ भारतीय निर्मित विदेशी शराब (IMFL) ब्रांडों की कीमतों और बिक्री के विश्लेषण से पता चला कि विवेकाधीन पूर्व-डिस्टिलरी मूल्य (EDP) से बिक्री में गिरावट आई, जिसके परिणामस्वरूप राजस्व की हानि हुई।
- गुणवत्ता नियंत्रण में कमी: रिपोर्ट में कहा गया है कि CAG ने कई ऐसे उदाहरण देखे जहाँ शराब परीक्षण रिपोर्ट भारतीय मानक ब्यूरो के तहत उल्लिखित विशिष्टताओं के अनुरूप नहीं थी। पानी की गुणवत्ता, हानिकारक तत्वों, भारी धातुओं, मिथाइल अल्कोहल, सूक्ष्मजीवविज्ञानी पदार्थों की महत्वपूर्ण परीक्षण रिपोर्ट विभिन्न ब्रांडों के लिए प्रस्तुत नहीं की गईं।
अन्य महत्वपूर्ण निष्कर्ष
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि आबकारी विभाग ने अपनी स्थिति के खिलाफ जाकर कुछ लाइसेंसधारियों को छूट दी, जिससे राजस्व की और हानि हुई। इसके अतिरिक्त, क्षेत्रीय लाइसेंसधारियों से सुरक्षा जमा की गलत वसूली के कारण ₹27 करोड़ की कमी हुई। विधानसभा में इस रिपोर्ट को लेकर काफी हंगामा हुआ। पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी समेत 12 विधायकों को दिन के लिए निलंबित कर दिया गया। दिल्ली शराब नीति से राजस्व का भारी नुकसान हुआ।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
- दिल्ली शराब नीति से ₹2002 करोड़ का राजस्व घाटा।
- CAG रिपोर्ट में लाइसेंस देने में उल्लंघन और पारदर्शिता की कमी।
- शराब नीति घोटाले में AAP के शीर्ष नेताओं की गिरफ्तारी।
- भाजपा सरकार विधानसभा में 14 CAG रिपोर्टें पेश करेगी।
- दिल्ली विधानसभा में AAP विधायकों का हंगामा और निलंबन।
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