धनतेरस के दिन क्या खरीदना चाहिए?
धनतेरस का दिन देवी लक्ष्मी और धन के देवता कुबेर की पूजा के लिए विशेष माना जाता है। इस दिन कुछ खास वस्तुओं को खरीदने का धार्मिक और पारंपरिक महत्व है। धनतेरस पर इन चीजों को खरीदने से घर में समृद्धि, सुख-शांति और खुशहाली का आगमन होता है।
- पान के पत्ते: पान के पत्तों को शुभता का प्रतीक माना जाता है। धनतेरस पर पान के पत्ते खरीदकर घर में सुख-समृद्धि का आह्वान करें।
- सुपारी: सुपारी को सौभाग्य और धन की देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है, इसलिए इसे खरीदना शुभ होता है।
- खील और बताशे: खील और बताशे भी धनतेरस पर जरूर खरीदें, ये मिठास और सुख का प्रतीक माने जाते हैं।
- साबुत धनिया: साबुत धनिया घर में बरकत लाने के लिए खरीदें, इसका धार्मिक महत्व है।
- 13 मिट्टी के दीपक: मिट्टी के दीपक लक्ष्मी पूजन में आवश्यक होते हैं। इनसे घर में उजाला और सकारात्मक ऊर्जा आती है।
- गोमती चक्र और कोड़ियां: ये धनतेरस पर सुख-समृद्धि के प्रतीक माने जाते हैं। इन्हें पूजा स्थल पर रखने से सौभाग्य में वृद्धि होती है।
- लक्ष्मी-गणेश जी की प्रतिमा: धनतेरस पर लक्ष्मी-गणेश जी की नई प्रतिमा लाकर पूजा करने से घर में धन-धान्य का वास होता है।
- कुबेर यंत्र और महालक्ष्मी यंत्र: इन यंत्रों को खरीदकर धनतेरस पर घर में रखें। इससे आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
- सोने-चांदी के सिक्के: इस दिन सोने या चांदी के सिक्के खरीदना भी शुभ माना जाता है।
- झाड़ू (सफेद धागा बांधकर): घर के नकारात्मक प्रभावों को दूर करने के लिए सफेद धागा बांधकर झाड़ू खरीदना अच्छा माना जाता है।
- नमक और नए कपड़े: घर की शुद्धि और खुशी के लिए इस दिन नमक और नए कपड़े खरीदना शुभ होता है।
- खिलौने और लक्ष्मी चरण: बच्चों की खुशी के लिए खिलौने और लक्ष्मी चरण खरीदना भी लाभकारी होता है।
- कमल गट्टा: धनतेरस पर कमल गट्टा खरीदने से देवी लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।
धनतेरस पर इन वस्तुओं को खरीदने से न केवल धार्मिक और आध्यात्मिक लाभ होता है, बल्कि सकारात्मक ऊर्जा और खुशियों का भी आगमन होता है।
धनतेरस का महत्व और उपाय
धनतेरस का त्योहार हर वर्ष दिवाली से दो दिन पहले मनाया जाता है, जिसका धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व अत्यधिक है। मान्यताओं के अनुसार, इस दिन आयुर्वेद के जनक भगवान धन्वंतरि समुद्र मंथन के दौरान अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। तभी से धनतेरस पर धन और समृद्धि की कामना से भगवान धन्वंतरि और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इस दिन सोने-चांदी के आभूषण, बर्तन, और सिक्के खरीदने की परंपरा भी है जो सौभाग्य और खुशहाली का प्रतीक मानी जाती है।
धनतेरस पर किए गए विशेष उपाय से जीवन में आर्थिक स्थिरता और सुख-समृद्धि आती है। यहां कुछ उपाय दिए गए हैं, जिनसे आप इस धनतेरस पर अपने जीवन में शुभता और उन्नति ला सकते हैं।
धनतेरस पर अपनाने योग्य उपाय
- भगवान कुबेर और मां लक्ष्मी की पूजा: धनतेरस पर भगवान धन्वंतरि के साथ-साथ मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा करें। पूजा के बाद अक्षत को लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी में रखें। यह उपाय धन संपत्ति में वृद्धि और तंगी की समस्याएं दूर करने में सहायक माना गया है।
- तेरह दीपक जलाना: रात को घर के बीचों-बीच वाले हिस्से में 13 दीपक जलाएं और हर दीपक में 13 कौड़ियां डालें। मध्य रात्रि को इन कौड़ियों को किसी सुरक्षित कोने में गाड़ दें। इससे परिवार में आर्थिक उन्नति और सफलता आती है।
- लौंग और कमल गट्टा का दान: धनतेरस पर माता लक्ष्मी की पूजा में उन्हें एक जोड़ा लौंग और कमल गट्टा अर्पित करें। यह उपाय जीवन को सुखमय बनाने में सहायक है।
- नमक का उपाय: नकारात्मक ऊर्जा को खत्म करने के लिए इस दिन एक कांच की कटोरी में नमक लेकर घर के उत्तर या पूर्व दिशा में रखें। यह उपाय न केवल नकारात्मक ऊर्जा दूर करने में सहायक है, बल्कि घर में धन का आगमन भी सुनिश्चित करता है।
धनतेरस पर इन उपायों को अपनाने से आर्थिक समृद्धि और शांति बनी रहती है। यह त्योहार जीवन में सुख, स्वास्थ्य और समृद्धि लाने का अवसर प्रदान करता है।
धनतेरस के दिन क्या नहीं खरीदना चाहिए?
धनतेरस के दिन कुछ विशेष चीजों की खरीदारी से बचना चाहिए ताकि घर में सकारात्मकता और समृद्धि बनी रहे। धनतेरस के दिन क्या नहीं खरीदना चाहिए जैसे विषय पर मान्यता है कि कुछ वस्तुएं अशुभ होती हैं। इस दिन ऐसी चीजें न खरीदें जो नाजुक हों या आसानी से टूट जाएं क्योंकि यह नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती हैं।
1. कांच के बर्तन:
धनतेरस पर कांच के बर्तन या ऐसी वस्तुएं नहीं खरीदनी चाहिए जो नाजुक हों और आसानी से टूट जाएं। मान्यता है कि ऐसा करने से घर में अस्थिरता और नकारात्मकता का प्रभाव पड़ता है।
2. लोहे के बर्तन:
धनतेरस के दिन लोहे के बर्तन नहीं खरीदने चाहिए। स्टील और एलुमिनियम के बर्तन भी इस दिन खरीदने से बचना चाहिए क्योंकि इनसे नकारात्मक प्रभाव बढ़ सकता है।
3. काले रंग का सामान:
इस दिन काले रंग के कपड़े, जूते, या बैग खरीदना अशुभ माना जाता है। मान्यता है कि काले रंग की वस्तुएं नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती हैं, जिससे घर में सुख-शांति पर असर पड़ता है।
4. नुकीली वस्तुएं:
धनतेरस के दिन किसी भी प्रकार का नुकीला सामान जैसे सुई, कैंची, या चाकू खरीदने से वास्तु दोष उत्पन्न हो सकता है। इस दिन तेज वस्त्रों से बचना चाहिए।
5. तेल:
धनतेरस के दिन तेल, घी या रिफाइंड ऑयल की खरीदारी नहीं करनी चाहिए। ऐसे पदार्थ पहले से खरीदकर रखना उचित होता है ताकि धनतेरस पर दीप जलाने के लिए इसकी आवश्यकता न पड़े।
6. प्लास्टिक का सामान:
इस दिन प्लास्टिक से बनी वस्तुएं खरीदने से बचना चाहिए। ऐसी वस्तुएं अशुभ मानी जाती हैं और इनके कारण जीवन में आर्थिक समस्या उत्पन्न हो सकती है।
राशि के अनुसार खरीदारी करें
- मेष: चांदी के बर्तन खरीदें।
- वृषभ: चांदी के सिक्के खरीदना लाभकारी।
- मिथुन: सोने के आभूषण खरीदें।
- कर्क: चांदी का श्रीयंत्र खरीदें, इसे पूजा कर तिजोरी में रखें।
- सिंह: सोने के आभूषण, बर्तन, और सिक्के खरीद सकते हैं।
- कन्या: पीतल के बर्तन, श्रीयंत्र या हाथी दांत की वस्तुएं शुभ।
- तुला: इलेक्ट्रॉनिक सामान, रसोई का सामान, या चांदी की वस्तुएं खरीदें।
- वृश्चिक: झाड़ू, स्टील के बर्तन, जमीन या भवन खरीदना शुभ।
- धनु: वाहन, पीतल या सोने की लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति घर लाएं।
- मकर: इलेक्ट्रॉनिक सामान, नीले रंग की वस्तुएं या झाडू खरीदें।
- कुम्भ: चांदी के बर्तन या देवी लक्ष्मी और गणेश जी के चित्र वाले सिक्के लें।
- मीन: घरेलू उपकरण, इलेक्ट्रॉनिक सामान, और पीतल के बर्तन खरीदना लाभदायक।
कुबेर धन प्राप्ति मंत्र
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नमः॥
धनतेरस पर 100 वर्षों बाद विशेष त्रिग्रही योग, करें खरीदारी और पूजन का लाभ
धनतेरस पर इस वर्ष 100 साल बाद दुर्लभ त्रिग्रही योग बन रहा है, जो पूजा और खरीदारी के लिए अत्यंत शुभ माना गया है। धनत्रयोदशी के इस पावन दिन पर कुल पांच प्रमुख योग—त्रिग्रही योग, त्रिपुष्कर योग, इंद्र योग, लक्ष्मी नारायण योग, और शश महापुरुष राजयोग—साथ आ रहे हैं। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, ये संयोजन अत्यधिक लाभकारी सिद्ध होंगे। इस दिन धनतेरस पर सोना-चांदी, वाहन, और अन्य मूल्यवान वस्तुओं की खरीदारी विशेष फलदायी मानी जाती है।
त्रिग्रही योग की उपस्थिति से इस साल की धनतेरस और भी खास हो जाती है, जो लगभग एक सदी बाद बन रहा है।
त्रिग्रही योग और अन्य प्रमुख योग
- त्रिग्रही योग: सूर्य, बुध, और मंगल के एक साथ होने से यह विशेष योग बनता है, जो व्यवसाय, सफलता और आर्थिक समृद्धि के लिए अत्यंत लाभकारी है।
- त्रिपुष्कर योग: इस योग के दौरान की गई खरीदारी से व्यक्ति को तीन गुना लाभ मिलता है।
- इंद्र योग: सौभाग्य और समृद्धि के लिए अनुकूल।
- लक्ष्मी नारायण योग: यह योग मां लक्ष्मी की कृपा और नारायण की कृपा से संपन्नता लाने वाला है।
- शश महापुरुष राजयोग: यह योग संपत्ति में वृद्धि और प्रतिष्ठा को बढ़ाने में सहायक है।
धनतेरस पर क्या खरीदें और पूजन विधि
धनतेरस पर सोना, चांदी, आभूषण, वाहन, और इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं की खरीदारी विशेष रूप से शुभ मानी गई है। साथ ही इस दिन नए बर्तनों का क्रय करना भी सौभाग्य का सूचक है। पूजा विधि में लक्ष्मी-गणेश की पूजा, दीपदान, और नवीन बर्तनों का पूजन शामिल है। इस दिन खासकर धन के देवता कुबेर और स्वास्थ्य के देवता धन्वंतरि का आह्वान करना भी अत्यधिक फलदायी होता है।
धनतेरस पूजा विधि
धनतेरस के दिन, धन और समृद्धि के लिए पूजा का विशेष महत्व है। सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें। मंदिर की साफ-सफाई करें और पूजा का सामान तैयार करें। सबसे पहले, सूर्य देव को जल अर्पित करें ताकि दिन की शुरुआत शुभ हो।
चौकी पर मां लक्ष्मी, भगवान धनवंतरि और कुबेर जी की प्रतिमा स्थापित करें। दीपक जलाकर, चंदन का तिलक लगाएं और पूरे मन से आरती करें।
कुबेर जी के मंत्र “ॐ ह्रीं कुबेराय नमः” का 108 बार जप करें और साथ ही धनवंतरी स्तोत्र का पाठ करें ताकि स्वास्थ्य और धन की प्राप्ति हो सके।
पूजा के अंत में मिठाई और फलों का भोग लगाएं और श्रद्धा अनुसार जरूरतमंदों को दान करें। ऐसा करने से जीवन में धन-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
धनतेरस 2024: तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और सोना-चांदी खरीदारी का समय
Aakhir Tak – In Shorts
- धनतेरस का पर्व इस वर्ष 29 अक्तूबर 2024 को मनाया जाएगा, जो पांच दिवसीय दीपावली उत्सव का पहला दिन है।
- भगवान धन्वंतरि, जो आयुर्वेद के जनक माने जाते हैं, समुद्र मंथन के दौरान इस दिन प्रकट हुए थे।
- इस दिन सोना-चांदी खरीदना शुभ माना जाता है; शाम को 06:30 से 08:12 तक पूजा का विशेष मुहूर्त है।
Aakhir Tak – In Depth
धनतेरस का पर्व हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर मनाया जाता है। इस दिन से पांच दिवसीय दीपावली का महोत्सव शुरू होता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इसी दिन भगवान धन्वंतरि समुद्र मंथन से प्रकट हुए थे। समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरि अपने हाथों में अमृत से भरा घड़ा लेकर प्रकट हुए, जिससे इस दिन का महत्व और भी बढ़ जाता है।
धनतेरस की तिथि और समय
इस वर्ष, धनतेरस का पर्व 29 अक्तूबर 2024 को मनाया जाएगा। कार्तिक त्रयोदशी तिथि की शुरुआत इसी दिन सुबह 10:31 बजे से होगी और यह तिथि अगले दिन, 30 अक्तूबर को 01:15 बजे समाप्त होगी। इसी उदया तिथि के आधार पर 29 अक्तूबर को ही धनतेरस का पर्व मनाने का निर्णय लिया गया है।
पूजा का शुभ मुहूर्त
दृक पंचांग के अनुसार, धन्वंतरि पूजा के लिए प्रातः 06:31 बजे से 08:44 बजे तक का समय सर्वोत्तम है। शाम के समय धनतेरस पूजा मुहूर्त 06:30 से 08:12 बजे तक रहेगा, जो प्रदोष काल और वृषभ काल के दौरान है।
सोना-चांदी और अन्य खरीदारी का मुहूर्त
धनतेरस के दिन सोना-चांदी, बर्तन और आभूषण खरीदने का विशेष महत्व है। इस दिन सोने और चांदी के सामान की खरीदारी के लिए सुबह 06:31 से अगले दिन 10:31 तक शुभ समय है। शाम को सोना-चांदी खरीदने का एक और शुभ मुहूर्त 06:36 से 08:32 बजे तक है।
धनतेरस पर पूजन विधि
धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि, देवी लक्ष्मी और कुबेर देवता की पूजा का विशेष महत्व होता है। प्रदोष काल में भगवान यम का ध्यान कर दक्षिण दिशा में दीप जलाने की परंपरा है। इस दिन परिवार की सुख-समृद्धि के लिए भगवान धन्वंतरि का षोडशोपचार पूजन किया जाता है। यह दिन स्वास्थ्य, सुख और संपत्ति का प्रतीक माना गया है।
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