आख़िर तक – एक नज़र में
- एलन मस्क पर जर्मनी के चुनाव को प्रभावित करने का आरोप लगाया गया।
- मस्क ने सोशल मीडिया और लेख के माध्यम से अफ़डी पार्टी का समर्थन किया।
- अफ़डी ने जर्मन नीतियों में सुधार और कम कर लगाने की वकालत की।
- फरवरी 23 को होने वाले चुनाव के लिए विवाद बढ़ गया है।
- जर्मनी सरकार ने इसे स्वतंत्रता का दुरुपयोग बताया।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
एलन मस्क पर चुनाव में हस्तक्षेप का आरोप
जर्मनी सरकार ने एलन मस्क पर जर्मनी के आगामी चुनावों में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया। सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि मस्क ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करते हुए और एक लेख लिखते हुए अपने विचार रखे, जिसमें उन्होंने स्पष्ट रूप से दक्षिणपंथी पार्टी “अफ़डी” का समर्थन किया।
अफ़डी का समर्थन क्यों?
मस्क ने लिखा कि “सिर्फ अफ़डी ही जर्मनी को बचा सकती है।” उनके अनुसार, अफ़डी की कर, विनियमन, और बाज़ार की नीतियां जर्मनी को प्रगति के पथ पर ले जाएंगी। उन्होंने अपने विचारों को जर्मनी के प्रमुख अखबार वेल्ट एम सोंटाग में विस्तार से बताया।
सरकार की प्रतिक्रिया
सरकारी प्रवक्ता ने कहा, “मस्क अपनी राय रखने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन यह स्वतंत्रता किसी भी प्रकार की बकवास के लिए अनुमति नहीं देती।” उन्होंने इस मामले को “सामाजिक और राजनीतिक स्वतंत्रता का दुरुपयोग” बताया।
चुनाव की जटिलता
चांसलर ओलाफ शोल्ज़ की गठबंधन सरकार गिरने के बाद यह चुनाव हो रहा है। इस बीच, मस्क का अफ़डी को समर्थन विवादास्पद बन गया है, क्योंकि पार्टी की विचारधारा जर्मनी की मुख्यधारा की नीतियों से भिन्न है।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
- एलन मस्क ने अफ़डी को समर्थन देकर विवाद खड़ा किया।
- जर्मनी सरकार ने इसे स्वतंत्रता का दुरुपयोग कहा।
- मस्क का समर्थन सोशल मीडिया और लेख के माध्यम से सामने आया।
- आगामी चुनाव फरवरी 23 को होने जा रहे हैं।
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