आख़िर तक – एक नज़र में
- योगी आदित्यनाथ ने धर्म संसद में विरासत वापसी को सकारात्मक बताया।
- उन्होंने सांभल विवाद और शाही जामा मस्जिद के सर्वे पर स्पष्ट बातें कहीं।
- मुख्यमंत्री ने गंगा सफाई अभियान की सफलता पर प्रकाश डाला।
- उन्होंने 2013 और 2019 के कुंभ के अनुभवों की तुलना की।
- भारत को “मुस्लिम लीग मानसिकता” से बाहर आने का संदेश दिया।
आख़िर तक – विस्तृत समाचार
विरासत वापसी पर योगी आदित्यनाथ का बयान
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आजतक के धर्म संसद इवेंट में विरासत वापसी की प्रक्रिया को उचित बताया। उन्होंने कहा, “विरासत वापसी बुरी बात नहीं है। सांभल में पुराणों का उल्लेख अब साक्ष्य के रूप में दिख रहा है।” योगी ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत “मुस्लिम लीग मानसिकता” पर नहीं चलेगा।
सांभल का ऐतिहासिक महत्व और विवाद
सांभल में स्थित शाही जामा मस्जिद पर हुए कोर्ट-निर्देशित सर्वेक्षण से शुरू हुए विवाद का ज़िक्र करते हुए आदित्यनाथ ने कहा कि सांभल को पुराणों में भगवान विष्णु के दसवें अवतार, कल्कि, का जन्मस्थल बताया गया है। इस विवाद के पीछे सांप्रदायिक मानसिकता को दोषी ठहराया गया।
गंगा की सफाई: सरकार की उपलब्धि
योगी आदित्यनाथ ने गंगा सफाई पर पिछली और वर्तमान सरकार की तुलना करते हुए कहा कि 2013 में, जब मॉरीशस के प्रधानमंत्री कुंभ में शामिल होने आए थे, गंगा की गंदगी देखकर उन्होंने डुबकी नहीं लगाई। 2013 में प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी। इसके विपरीत, 2019 में, प्रधानमंत्री ने स्वच्छ गंगा में परिवार समेत डुबकी लगाई।
डबल-इंजन सरकार का प्रभाव
आदित्यनाथ ने वर्तमान सरकार के स्वच्छता अभियानों की सराहना करते हुए इसे “डबल-इंजन सरकार” की सफलता बताया। उनके अनुसार, धार्मिक आयोजन अब स्वच्छता और प्रबंधन का प्रतीक बन चुके हैं।
आख़िर तक – याद रखने योग्य बातें
- योगी आदित्यनाथ ने विरासत वापसी की प्रक्रिया को सही ठहराया।
- सांभल विवाद को धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बताया।
- गंगा की स्वच्छता और कुंभ के आयोजन में सुधार पर चर्चा की।
- प्रधानमंत्री मोदी की विकास योजनाओं को उदाहरण के रूप में पेश किया।
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